अर्नपुर गांव की एक रहस्यमयी हवेली, जो सदियों से छुपाए हुए अंधेरे और काले जादू की कहानियों का गवाह है, उस रात का किस्सा जानने लायक है जिसने पूरे गांव को दहला दिया।
गांव की खामोशी और भय
सर्द हवाओं के साथ गांव में एक अजीब सी खामोशी फैल गई थी, जो किसी छुपे हुए डर की गूंज लग रही थी। वहां का पुराना किला, जिसमें रहस्यों और प्राचीन पंथों के निशान थे, एक असामान्य घटना का केंद्र बना।
गायबियां और अजीब आवाजें
वहां एक बूढ़ा आदमी अचानक गायब हो गया, जिसके बाद किले से अजीब सी चरमराहट सुनाई देती रही। गांव में काले जादू के डर की बातें उभरने लगीं। उस बूढ़े के अंतिम शब्द रहे – “कुछ नहीं है जो आंखों से दिखे, पर हर परछाई सच है।”
अधेरे में तैरता साया और पुरानी लकीरें
किले के छज्जे पर हवा में तैरता हुआ एक अधेरे में लिपटा साया देखा गया, जिसने गांव वालों को असमंजस में डाल दिया। दीवारों पर मिली मटमैली लकीरों को समझने के लिए एक विद्वान ने प्राचीन राक्षसी पंथों का हवाला दिया।
बीमारियां और मानसिक तनाव
कुछ दिनों बाद कई गांव वाले बीमार पड़ गए, जिनके सपनों में रिपीट होकर वही हवेली और काले साये आते रहे। यह भय धीरे-धीरे एक अनजाने आतंक में बदल गया जो पूरे गांव को घेरने लगा।
भयावह चीखें और प्राचीन ग्रंथ
एक रात हवेली से निकली भयानक चीखें उक्त रहस्य की गहराई को दर्शाती हैं। साथ ही एक पुरानी जादू की किताब मिली, जिसमें काले जादू की क्रूर रीतियों का वर्णन था, जिससे गांव में फैलने वाले रहस्यों का पर्दाफाश और भी डरावना लगने लगा।
प्रश्न और रहस्य
क्या सच में काले जादू ने कई जानें ली या यह सब एक सोची-समझी साजिश थी? क्या वह साया वाकई लौटेगा? इस सवाल ने पूरे गांव को लंबे समय तक भय और शंका में रखा।
सारांश: अरनपुर गांव की रहस्यमयी हवेली में छुपे काले जादू और अचानक गायब होने वाली घटनाओं ने गांव के लोगों को त्रस्त कर दिया। वहां की प्राचीन दीवारों पर रहस्यमयी निशान और हवेली से निकलती चीखें इस खौफनाक सत्य की तरफ इशारा करती हैं जो आज तक अनसुलझा है। बीमारियां और मानसिक तनाव गांव में फैल गया, और वह साया जिसे सब लोग देखकर सहम गए, फिर लौटने की धमकी देने लगा। यह कहानी रहस्य, भय और अज्ञात शक्तियों का सम्मिश्रण है जो DEEP DIVES के साथ और भी गहराई में खोले जाएंगे।
