
अंधेरा छाया था उस छोटे से गाँव पर, जहाँ के पुराने मकानों की दीवारें सदियों पुरानी कहानियाँ छिपाए हुए थीं। 2023 की ठंडी रात में, एक रहस्यमय हवेली में गायब हुए मनोज की कहानी ने पूरे गाँव में दहशत फैला दी। यह हवेली, जो काला जादू और मृत आत्माओं के लौट आने की कथाओं से घिरी हुई थी, मनोज के अचानक गायब होने के बाद और भी भयानक प्रतीत होने लगी।
मनोज ने अपने करीबियों को एक cryptic संदेश भेजा था: “जो लौट कर नहीं आता, उसके पीछे छिपा है साया।” इसके बाद शुरू हुई उसकी तलाश के दौरान हवेली में मिली अजीब पांडुलिपियाँ, गंध, धूल और रहस्यमय छवियाँ पुलिस और गाँववालों की परेशानियों को और बढ़ा देती हैं।
जांच के दौरान पता चला कि कई साल पहले इसी हवेली में एक रहस्यमयी हत्या हुई थी, जिसके साये और काले जादू की अफ़वाहें आज तक गाँववालों के बीच जिंदा हैं। मनोज का नाम पन्धरह साल पुराने एक पत्र में भी मिला, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह किसी गुप्त जीवन की कड़ी हो सकता है।
मनोज के दोस्त स्नेह की भयभीत बातें:
- स्नेह ने बताया कि उसने एक इंसान जैसी नहीं, बल्कि डरावनी आँखों वाली छाया को देखा।
- उसकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ती गई, जो कि घटना की गंभीरता को दर्शाता है।
गाँव में मनोज की खोज जारी रहने पर हवेली के फर्श पर खून के धब्बे मिलने लगे, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। एक रात, हवेली से अचानक एक जोरदार चीख सुनाई दी और पुरानी लकड़ी की खिड़की धीरे-धीरे खुल गई, मानो कोई इस दुनिया में लौटने का प्रयास कर रहा हो।
यह घटना अब केवल एक हवेली नहीं, बल्कि एक रहस्यमय दहशत का प्रतीक बन गई है। मनोज की कहानी मनाती है कि इंसान चाहे कितना भी भय को चुनौती दे, अंधकार के साये कभी-कभी नकारा नहीं जा सकता।
संक्षेप में:
- मनोज की अचानक रहस्यमय तरीके से गायब होने की घटना।
- हवेली में काले जादू और प्राचीन हत्या के संकेत।
- मनोज के cryptic संदेश और पुराने दस्तावेजों में उसका जिक्र।
- स्नेह द्वारा देखी गई डरावनी छाया।
- हवेली में खून के धब्बे और अजीब चीखें।
- गाँव में फैली दहशत और unanswered mysteries।
क्या वह छाया, जो मनोज के पीछे थी, अभी भी गाँव के आस-पास घूम रही है? यह सवाल गाँव वालों के दिलों में अनुत्तरित रह गया है।
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