
धुंध के ओढ़े उस सुनसान गाँव की सड़कों पर एक अजीब सी सन्नाटे की गूंज फैल रही थी। हवाओं में कुछ अनदेखा सा घुलमिल रहा था — जैसे वक्त भी कुछ छिपा रहा हो। और वहीं, उस पूर्वजों की हवेली के भीतर, जहां अंधेरे कोना-कोना सदियों से अजीब अजीब राज़ों का घर था, एक और भयानक घटना ने जन्म लिया।
गाँव के लोगों ने बड़े संकोच से वो कहानी बताते हुए ठहराव लिया जो रातों-रात उनकी नींदें उड़ाने लगी। हवेली के पुराने मालिक, जिनके बाद से वहाँ कोई नहीं गया, वहां से एक युवक — अर्जुन — गायब हो गया। वो युवक जो शहर से कुछ दिन पहले गाँव की जड़ों की तलाश में आया था, मगर लौट कर कभी नहीं आया। रात के किसी पहर, हवेली की खिड़कियों से निकलती हुई अजीब आवाज़ें, फुसफुसाती हवाओं की बातों ने सारे गाँव को घेर लिया।
एक रहस्यमय काले जादू की झलक उस हवेली के भीतर छिपी थी, यह सब किसी ने बताया नहीं पर लोगों की आंखों में डर की वेदना साफ दिखती थी। अर्जुन की माँ ने बताया कि अपने आखिरी दिन हिन्दू धर्म की पुरानी मान्यताओं से जुड़ी एक पुरानी किताब उसने हवेली में खोजी थी, जो काला जादू और प्रेतात्माओं के भूते-प्रेतों की कहानियों से भरी थी। कागजों के पन्ने चमकीले अक्षरों में लिखे रहस्य और संकेत, जो केवल उस पार से आए लोगों की आत्माओं को बुलाने की चेष्टा करते थे।
हवेली के दरवाजे पर धूल और जालियाँ तनी हुई थीं, और जो भी उस रात अंदर गया, वापस लौट कर नहीं आया। कुछ लोगों ने अर्जुन को हवेली के अंदर अंतिम बार देखा था — उसकी आंखों में भय था, पर वह कुछ खोजने की जिद में पागल था। उसके बाद, घंटों तक हवेली में से किसी अज्ञात स्वर की गूँज सुनाई देती रही। तालाब के किनारे मिली उसकी गुमशुदा घड़ी और खून के धब्बे कहानी के सबसे डरावने पहलू थे।
प्रश्न उठते हैं — क्या असल में वहाँ कुछ अलौकिक शक्ति मौजूद है? क्या दफन हुआ राज़ सचमुच ज़मीन के नीचे दफन था? या अर्जुन के गायब होने के पीछे कोई मानव चेहरा था जो इस छलावा और जादू के पर्दे के पीछे छुपा था? हवेली की भेद्यता, काला जादू और आशंकित लोगों के दिलों में धड़कते सवाल — ये सब मिलकर एक ऐसी कहानी रचते हैं जो समय के साथ और भी विकराल होती जा रही है।
अगली बार जब आप उस गाँव से गुजरें, तो सावधानी से उस हवेली की ओर देखें, कहीं दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराकर खुल न जाए। और उस अनोखे सन्नाटे को सुनिए, जिसमें छुपा है एक ऐसा सच जो बहुत कम किसी ने जाना, और शायद कभी नहीं जाना जाएगा। क्या अगली कहानी अर्जुन की वापसी की होगी या हवेली का अगला शिकार? यह रहस्य अभी भी हवेली के भीतर गूँज रहा है — ‘खूनी हवेली की गूंज’ का अनसुलझा सच।
सारांश
एक सुनसान गाँव की पुरानी हवेली में एक युवक के अचानक गायब होने के बाद खुलता है काला जादू और रहस्यों का पर्दा। अर्जुन नामक यह युवक गाँव की जड़ों की तलाश में आया था, लेकिन लौट कर नहीं आया। हवेली में मिली पुरानी किताबें, रहस्यमय आवाज़ें, गायब हुई घड़ी और खून के धब्बे इस घटना को और भी भयानक बनाते हैं। गाँव वाले इस डरावनी कहानी को लेकर असमंजस में हैं कि क्या यह काला जादू है या कहीं कोई मनुष्य ही इस रहस्य के पीछे छुपा है। हवेली की खामोशी आज भी कई सवालों को जन्म दे रही है जो शायद कभी जवाब नहीं मिलेंगे।
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