Summary: एक रहस्यमयी हवेली में गायब हुई लड़की की अनसुलझी कहानी, जो काले जादू और छिपे हुए खतरों से घिरी है।
खून की हवेली में अनसुलझा रहस्य
सांझ की मँढ़ती धूप जब उस प्राचीन हवेली पर पड़ती थी, तो हवा जैसे किसी अनसुनी चीख को अपने साथ लेकर चलती थी। गाँव के बुजुर्ग कहते हैं कि उस हवेली में सालों पहले काला जादू हुआ था, जिसने एक परिवार की खुशियों को तहस-नहस कर दिया। पर यहां आज हम बात करने जा रहे हैं एक लड़की की — जो एक रात कभी लौट कर नहीं आई।
यह कहानी उस भुलाए हुए गाँव की है, जहाँ लोग बातें भी कम करते हैं। 2019 की ठंडी रात में, 17 साल की रिया अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर वापस घर लौट रही थी, तभी हवेली के पास से गुज़रते समय उसका रास्ता अचानक कट गया। कुछ लोगों ने उस रात हवेली से चमकीली रोशनी और अजीब आवाज़ें सुनी थीं, जो मानो किसी दूसरे भौतिक आयाम का संकेत दे रही हों। अगले दिन से रिया का कोई पता नहीं चला।
रहस्यमयी घटनाएँ और हवेली का इतिहास
हवेली के आसपास के इलाके में अचानक रहस्यमयी घटनाएं शुरू हो गईं। स्थानीय लोग बताते हैं कि रात के वक्त हवेली के खिड़कियों से अजीब छायाएं दिखती हैं, और कई बार वहाँ से बच्चों की हँसी और फुसफुसाहट सुनाई देती है। पुलिस ने जागरूकता और खोजबीन की, पर कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
उसी हवेली के पुराने दस्तावेजों में एक अजीबोगरीब इतिहास दर्ज है—किसी ज़माने में वहां एक रहस्यवादी परिवार रहता था जो काला जादू और पंथों में लिपटा था। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी आत्माओं को हवेली में कैद कर रखा था, और ये आत्माएं आज भी उन पर नज़र बनाए हुए हैं।
रिया की खोज और अनसुलझे सुराग
जैसे-जैसे समय बीता, रिया की खोज नई परतें खोलती गई। उसके कुछ दोस्त अचानक गायब हो गए, और कुछ ने हवेली से दूरी बनाए रखी। एक अज्ञात नोट भी मिला जिसमें लिखा था, “तुम्हें वही मिलेगा जो तुम तलाशते हो, लेकिन अपनी आत्मा मत खोना।”
क्या सच में उस हवेली में अंधेरा काला जादू छुपा है? या फिर यह सब एक बड़ी साजिश का हिस्सा? कहीं रिया सच में कहीं फंसी तो नहीं? उसकी वापसी का इंतज़ार अब भी उस गाँव के लिए एक लंबा खंडन है, जो सच और कल्पना के बीच कहीं उलझा सा लगता है।
हवेली का आज का स्वरूप
हवेली के दरवाज़े पर अक्सर नक़्क़ाशी की हुई वह पुरानी नीम की लकड़ी टूटी हुई मिली, और हवाओं में गूंजता था जैसे कोई पुराना वचन दोहरा रहा हो। कहानियाँ बताती हैं कि हवेली का साया अब भी उस रात की तरह ज़िंदा है, इंतज़ार में किसी खोई हुई आत्मा का।
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
