
गांव में दफन राज़: जो लौट कर नहीं आया
कहानी का परिचय
हज़ारीपुर गांव में रमेश की रहस्यमयी गायबगी ने पूरे गांव को एक भयावह सन्नाटा में डाल दिया है। एक पुरानी हवेली, काला जादू और भयानक रहस्यों से घिरी इस घटना ने गांव के लोगों को रातों को चैन से सोने नहीं दिया।
रमेश की गुमशुदगी
रमेश एक हफ्ते पहले अचानक गायब हो गया था। उसकी आखिरी लोकेशन एक पुरानी, खंडहर जैसी हवेली के पास बताई जाती है, जहां के बारे में कहा जाता है कि वहां कोई प्राचीन शक्तिशाली काला जादू मौजूद है। रमेश ने स्थानीय भाषा में कहा था कि वह इस हवेली के तहखाने में छुपे रहस्यों का पता लगाना चाहता था।
हवेली के आस-पास की घटनाएं
रमेश के गायब होने के बाद से ही हवेली के आसपास अजीब-ओ-गरीब घटनाएं होने लगीं।
- खिड़कियां अपने आप खुल जाना।
- ठंडी हवा का महसूस होना।
- फुसफुसाहट जैसी आवाजें सुनाई देना।
रमेश की छोटी बहन ने बताया कि उसने रात में रमेश की आवाज सुनी, लेकिन जब दरवाज़ा खोला तो कोई वहां नहीं था।
जांच और सुराग
पुलिस जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिला, पर रमेश के मोबाइल फोन से मिली कुछ अजीब तस्वीरें और गूढ़ चिन्ह चर्चा का विषय बन गए। कई लोग मानने लगे कि ये संकेत काले जादू या किसी प्राचीन पंथ से जुड़े हुए हो सकते हैं।
अर्जुन की गवाही
रमेश का करीबी दोस्त अर्जुन ने बताया कि उसने आखिरी बार रमेश को हवेली के सामने खड़ा देखा था, जहां उसकी आंखों में भय और जिज्ञासा दोनों झलक रहे थे। रमेश ने उसे कहा था कि वह एक ऐसे सच की खोज में है जो कभी उजागर नहीं होना चाहिए।
गांव में फैली अंधकार की छाया
दिन-ब-दिन यह मामला गहराता जा रहा है और लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं:
- क्या हवेली में सचमुच कोई रहस्य दफ़न है?
- क्या रमेश खुद काले जादू के जाल में फंस गया?
- क्या किसी ने उसे चुप कराने के लिए अंधकार को जन्म दिया?
अज्ञात भविष्य और रहस्मई अंत
गांव की हवाओं में रमेश की आत्मा की आवाज़ गूंजती है, जो सच की तलाश में भटक रही है। माना जाता है कि जल्दी ही हवेली के आसपास और भी रहस्यमय घटनाएं घटेंगी।
क्या रमेश वापस आएगा? या वह हमेशा के लिए उस काले साये में खो गया? यह सवाल अभी भी अनसुलझा है, लेकिन एक चीज़ निश्चित है कि हज़ारीपुर का काला जादू अब लोककथाओं का हिस्सा नहीं, बल्कि एक खौफनाक हकीकत बन चुका है।
सारांश
हज़ारीपुर गांव की एक पुरानी हवेली में छिपा काला जादू रमेश की रहस्यमयी गायबगी का कारण बना। उसके गायब होने के बाद गांव में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं, जो इस राज़ को और भी गहरा करती हैं। रमेश की खोज में लगे उसके दोस्त और गांववाले इस भुतिया रहस्य को उजागर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन सच अभी तक अनजाना ही है।