Summary: यह कहानी एक छोटे गाँव की पुरानी हवेली में छिपे रहस्यों और गायब हुए युवक अर्जुन की है। हवेली में काला जादू और मनोवैज्ञानिक डर का संगम है, जो गाँव वालों के लिए अब भी एक अनसुलझा पहेली बना हुआ है।
घने जंगलों के बीच बसा एक गांव
घने जंगलों के बीच बसा वह छोटा सा गांव अपने अनकहे किस्सों के लिए जाना जाता था। वहां एक पुरानी हवेली थी, जिसके दरवाज़े वर्षों से बंद पड़े थे। कहा जाता था कि उस हवेली में कुछ ऐसा हुआ था, जो गांव वालों के लिए एक रहस्य की तरह था।
अर्जुन का हवेली में जाना
अर्जुन, एक युवा पत्रकार, जिसे रहस्यों की खोज का जुनून था, ने उस हवेली की गुत्थी सुलझाने की ठानी। हवेली के बारे में फैली अफवाहें काला जादू और अजीब शक्तियों की थीं। गांव के बुजुर्ग इससे डरते थे, पर अर्जुन को ये सब कहानियां बेबुनियाद लगती थीं।
हवेली के अंदर का मंजर
- अर्जुन ने अपनी रिकॉर्डिंग लगाई और हवेली के अंदर कदम रखा।
- दीवारों पर पुरानी तस्वीरें और जड़ें थीं जो तार-तार हो रही थीं।
- हवेली में एक काला साया ऐसा था, जैसे हवेली एक जीवित प्राणी हो।
- दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराता और सन्नाटा छा गया।
- अर्जुन ने कहा, “अंदर कुछ ऐसा है जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।”
अर्जुन की रहस्यमयी गुमशुदगी
उस रात के बाद अर्जुन का कोई अता-पता नहीं चला। गांव में अफवाहें फैलने लगीं कि उसने काला जादू की किताब पढ़ी थी। कुछ लोगों का दावा था कि उन्होंने उसे हवेली के पास आखिरी बार देखा था, जहां वह किसी रहस्यमयी दस्तावेज का अध्ययन कर रहा था।
अनसुलझे सवाल
- हवेली के अंदर वास्तव में क्या हुआ?
- अर्जुन कहाँ गया?
- क्या काला जादू वाकई हवेली से जुड़ा था?
गांव के लोग अब भी हवेली के पास जाने से डरते हैं और अपने घरों की खिड़कियाँ बंद रखते हैं। यह कहानी एक डरावनी अफवाह है या कोई घातक रहस्य, जो अनकहा ही रखा जाना चाहिए, यह सवाल अनुत्तरित है।
