
देवरपुर गांव की सर्दी भरी रात में अर्जुन नामक युवक की रहस्यमय गुमशुदगी ने पूरे गांव को भय और अंधकार में डूबो दिया है। अर्जुन का गायब होना, काले जादू, अलौकिक घटनाएं, और एक पुराना टूटा हुआ दरवाज़ा इस कहानी के केंद्र में हैं, जो आज भी एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है।
मुख्य घटनाएँ
- अर्जुन की अचानक गायब होना और उसके द्वारा घर से ली गई नीली किताब, जिसमें जादुई प्रतीक और चिह्न थे।
- गांव के बुजुर्गों के सपनों में अर्जुन का प्राचीन वेदी जैसी जगह की ओर इशारा करना।
- गांव में काले जादू और अलौकिक घटनाओं का होना जैसे अजीब धुंध, मंद मंद लाइटें, चलते हुए साए आदि।
- खेत में मिला टूटा हुआ दरवाज़ा जो चरमराने लगा, और इसके बाद जो लोग उस खेत के पास गए, वे वापस चुप रहने लगे।
- अर्जुन के गायब होने के बाद गांव में बढ़ती असामान्य गतिविधियां, जैसे कि छिपकलियाँ, सामान का खुद-ब-खुद हिलना और काला साया दिखना।
गांव वालों का विश्वास और रहस्य
गांव वाले विश्वास करते हैं कि अर्जुन काले जादू के चक्कर में फंसा हुआ है और उसकी गुमशुदगी किसी गहरे और भयानक रहस्य की ओर इशारा करती है। नीली किताब को एक दूसरे आयाम का द्वार बताया जाता है जहां से वापस लौटना नामुमकिन है।
सारांश: अर्जुन की गुमशुदगी और उसके साथ जुड़े रहस्य, काले जादू और अलौकिक घटनाओं की भयावहता से भरी इस कहानी ने देवरपुर गांव में एक ऐसा रहस्य पैदा किया है जो आज भी अनसुलझा है। जो भी उस खेत के नजदीक गया, वापस अपनी बात कहने से कतराया, और यह प्रश्न बना रहता है कि अर्जुन की असली कहानी क्या है।