
बिछलीपुर गाँव में एक युवा युवक, रवि, के अचानक गायब होने ने पूरे गाँव को एक अनहोनी की अफ़वाहों और डरावनी घटनाओं में डूबा दिया। इस घटना ने प्राचीन हवेली की रहस्यमय दुनिया को उजागर किया, जहाँ काले जादू और पुरानी भयानक शक्तियों की बातें गूंजती रहीं।
रवि की गुमशुदगी और हवेली का रहस्य
रवि को आखिरी बार पुरानी हवेली के पास देखा गया था, जो वर्षों से खंडहर बनी हुई थी। इस हवेली को लेकर गाँव में कई अजीब कहानियाँ प्रसिद्ध थीं:
- गायें रात में बिना कारण भूंकने लगती थीं।
- हवा में फुसफुसाहटें और बच्चे बिना बताए डर के छिप जाते थे।
- हवेली की खिड़कियाँ और दीवारें जैसे जीवित हों, विचित्र चिह्न उभरते थे।
कई लोग मानते थे कि हवेली के अंदर एक काली किताब छुपी है, जो काले जादू की बातें समेटे हुए है।
गाँव में फैली दहशत और माया की खोज
रवि के गायब होने के बाद, गाँव के बुजुर्ग पंडित ने हवेली की दीवारों पर दिखाई देने वाले प्राचीन प्रतीकों के बारे में बताया। इन प्रतीकों की भयावहता इतिहास में दर्ज थी।
माया नाम की युवती ने हवेली में जाने का साहस दिखाया। उसने वहाँ अंधकार के उन रहस्यमय पहलुओं को देखा जो केवल मृतकों को ही दिखते हैं। माया ने काली किताब भी पाई, जो पुरानी और रहस्यमयी मंत्रों से भरी हुई थी।
लेकिन उसके वापस लौटने के बाद भी शांति नहीं आई, कब कटघरे की तरह उसकी जोरदार चिल्लाहटें गाँव में भय फैलाने लगीं।
अनसुलझे सवाल और कहानी का अंत
गाँव वाले आज भी सोचते हैं:
- रवि के साथ असल में क्या हुआ?
- क्या हवेली का काला जादू सचमुच अस्तित्व में है?
- माया की तलाश ने क्या अंधकार की शक्तियों को जगाया?
इन सवालों के साथ यह रहस्य अभी भी अनसुलझा है, और हवेली के पीछे छुपा यह राज शायद अब कभी उजागर न हो।
सारांश: बिछलीपुर गाँव में रवि की गुमशुदगी ने प्राचीन हवेली के काले जादू के रहस्यों को बेपर्दा किया। अंधकार से जुड़ी घटनाओं और एक काली किताब के चलते गाँव में डर और आशंका मची हुई है। एक युवती माया की हवेली से वापसी ने इस कहानी को और भी जटिल बना दिया है, जिससे गाँव के रहस्यों का पर्दाफाश अभी भी बाकी है।