
गहरे जंगलों से घिरी एक नीची घाटी में बसा था वह गांव, जिसमें इतिहास और छुपे हुए राज़ों का मखमली पर्दा था। यहाँ के लोगों की ज़िंदगियाँ धूप-छाँव की तरह बदलती रहती थीं, पर पेड़ों की सरसराहट में एक अनजाना साया हमेशा मंडराता रहता था। नवंबर की एक ठंडी रात को, गांव के सबसे भरोसेमंद युवक समीर का रहस्यमय ढंग से गायब होना पूरे गांव को हिला कर रख दिया।
शुरुआत में लोगों ने समझा कि शायद वह काम से चला गया होगा, लेकिन दिनों बीतते गए और कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे एक भयानक अफवाह फैलने लगी कि समीर को किसी काले जादू के प्रभाव में आकर, गांव के बाहर स्थित पुरानी हवेली में फंसा दिया गया है। यह बात गांव के लोगों के मन में डर और शक की चिंगारी गाड़ गई।
पुरानी हवेली और उसके रहस्य
हवेली, जहां समीर के अंतिम दर्शन हुए थे, कोई साधारण जगह नहीं थी। यहां के बंद कमरों से अजीब तरह की गंध आती थी और घर के पीछे एक पुराना कुआँ था, जिसमें दुष्ट आत्माओं के रहने की कहानियां प्रचलित थीं। समीर के निकटतम मित्र अरुण ने बताया कि समीर आखिरी बार हवेली की ओर सफेद कागज के टुकड़े के साथ जाते देखा गया, जिस पर अजीब चिन्ह बने थे।
खोज और रहस्यमय घटनाएं
- पुलिस और गांववालों ने मिलकर खोजबीन शुरू की, लेकिन हवेली की खामोशी में हर बार ऐसा लगता मानो उनकी हर हरकत पर निगरानी हो।
- एक बुजुर्ग ने गांव के बीच एक पुरानी किताब दिखाई जिसमें अजीब सिंबल और संस्कृत श्लोक थे। यह किताब ‘निगूढ़ कर्म’ से जुड़ी बताई जाती है।
- कुछ ग्रामीणों ने हवेली के अंदर जाकर देखा, जहां भयावह गर्माहट और अजीब एहसास हुआ। इनके लौटने पर उनके चेहरे भयभीत और भावहीन थे।
समीर की खोज अभी भी जारी है, लेकिन हर नया सुराग रहस्यमय तरीके से गायब हो जाता है। गांव के बुजुर्गों का मानना है कि जो कोई भी हवेली में जाता है, उसे काला जादू के जाल में फंसा लेता है।
सवाल और आशंकाएं
क्या समीर सच में जादू की माया में फंसा हुआ है या यह कोई मानव निर्मित साजिश है? गांव की नींदें उड़ चुकी हैं और हवेली की खिड़कियों से झांकती छायाएं स्वतः ही भय उत्पन्न करती हैं।
समय के साथ सफेद कागज और पुरानी किताब की भाषा और भी रहस्यमय होती जा रही है, और सवाल यथावत् बने हुए हैं—समीर वापस आएगा या वह एक साया बनकर हमारे बीच विचरते रहेगा?
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