
अंधेरा धीरे-धीरे नगाड़पुर गांव की संकरी गलियों को घेर रहा था। पतझड़ की ठंडी हवा जैसे किसी अनजाने भटकते साए की तरह फुसफुसा रही थी। गांव के लोग अपने-अपने घरों में आग के पास जमा हो रहे थे, लेकिन उस दिन की मिट्टी में एक ऐसा काला साया था, जो किसी को भी चैन से बैठने नहीं दे रहा था।
नगाड़पुर, एक छोटा सा गांव, सदियों पुरानी कहानियों में काले जादू, रहस्यमयी गायबियों और गूढ़ रहस्यों का घना घेरा छिपाए हुए था। मंगलवार की उस शाम, जब पूरा गांव खामोशी में डूबा था, अर्जुन नामक एक साधारण किसान अचानक गायब हो गया। उसकी आखिरी नजरें उस पुरानी, खंडहर जैसी हवेली पर थीं, जो गांव के बाहर महज कुछ कदम की दूरी पर थी। कहते हैं, हवेली की दीवारों में कई सालों से दफन रहस्य छिपे हैं।
अर्जुन के गायब होने के बाद गांव में कई अजीब घटनाएं होने लगीं। लोग दावा करने लगे कि अर्जुन की आत्मा हवेली के आसपास देखी जाती है। हवा में मंद-मंद फुसफुसाहटें सुनाई दीं और हवेली के टूटे दरवाजे से अंदर रहस्यमयी आवाजें आने लगीं।
काले जादू और पंथ की अफवाहें
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उस हवेली में पहले एक पंथ था जो काले जादू की प्रैक्टिस करता था। यह पंथ किसी पुराने जादूगर के नेतृत्व में था, जिसने गांव में अंधेरा फैलाने की कोशिश की। हवेली की नींव में कुछ ऐसा दफन था जिसे ढूंढने की किसी ने हिम्मत नहीं की।
अर्जुन के गायब होने के बाद पुलिस भी असहाय हो गई क्योंकि कोई ठोस सुराग नहीं मिला। सवाल उठा कि क्या अर्जुन उस काले जादू के जाल में फंस गया था। कुछ ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने एक पुरानी किताब देखी है, जिसमें काली शक्तियों और हवेली के रहस्यों का उल्लेख था। इस किताब को पढ़ने वाले कभी वापस नहीं लौटे।
हवेली की रहस्यमयी घटनाएं
एक दिन गांव के कुछ युवा हवेली की तरफ गए। जैसे-जैसे वे दरवाजे के पास पहुंचे, हवा चरमरा उठी और एक सिहरन दौड़ गई। दरवाजा धीरे-धीरे चरमरा उठा और अंदर से कदमों की आवाज़ें सुनाई दीं, लेकिन अंदर कोई नहीं था।
यह घटना गांव की गूढ़ इतिहास का हिस्सा बन गई, जहां रहस्य और शक दोनों मौजूद हैं। अर्जुन की कहानी, काले जादू की पंथ की अफवाहें, और हवेली के टूटे दरवाजे की आवाज़ें—सब कुछ एक अनकहे सच की ओर इशारा करती हैं।
क्या है इसका सच?
क्या हवेली से आ रही आवाज़ें सच में अलौकिक संकेत थीं? क्या अर्जुन की आत्मा अभी भी अपनी खोई जिंदगी के जवाब तलाश रही है? क्या पंथ अभी भी कहीं छुपा है? नगाड़पुर की उस काली शाम ने कई सवाल छोड़े हैं, जिनके जवाब अभी तक किसी को नहीं मिले।
गांव में दफन रहस्य अब भी हवेली की गूंज में छिपा है और इंतजार करता है कि कोई इसे उजागर करे। और शायद, उस वक्त भी कोई उसे देख रहा था, पर छिपा रहा था साए के भीतर।
सारांश: नगाड़पुर गांव की एक रहस्यमयी हवेली में हुई अर्जुन की रहस्यमयी गायब होने की घटना ने गांव में काले जादू और पुराने पंथ की भयानक कहानियों का ताना-बाना बुना। हवेली से जुड़े रहस्यों और परीक्षाओं ने गांव का माहौल भयावह बना दिया, जहां कोई भी असली सच जानने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। यह कहानी थ्रिलर और रहस्य से भरी एक सच्ची घटना है, जो अभी भी कई सवाल छोड़ती है।
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