
Summary: इस कहानी में एक छोटे से मध्य प्रदेश के गांव की पुरानी हवेली में छिपे रहस्य का खुलासा होता है, जहां एक युवक अनस की रहस्यमयी गायब होने की घटना काला जादू और पंथ के संकेतों के साथ जुड़ी है। हवेली की डरावनी छाया और वहाँ से निकलती आवाज़ें गांव में भय और अंधविश्वास फैलाने का कारण बनी हैं। उस युवराज की कहानी और हवेली के तहखाने में मिले संदूक में छिपे दस्तावेज़ गांव के लोगों के मन को हिला देने वाले हैं, पर रहस्य का अंत अब तक अनसुलझा है।
गांव की रहस्यमयी रात
जब अंधकार गांव की गलियों पर छा गया, तब पुरानी हवेली से अजीब आवाजें सुनाई देने लगीं, जिसमें किसी छुपे साया की फुसफुसाहट थी। यह घटना उसी रात हुई जब युवक अनस हवेली के अंदर गया और फिर वापस नहीं लौट पाया।
‘खूनी हवेली’ और उसकी अदृश्य ताकत
गांव में दशक पुरानी मान्यताओं के अनुसार, उस हवेली में काले जादू का असर था। लोग डरते थे कि जो भी उस हवेली के करीब जाता था, वह वापस नहीं आता।
अनस का गायब होना
अनस के गायब होने के बाद पुलिस और ग्रामीणों ने उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई निशान नहीं मिला। हवेली के अंदर से कभी-कभार होने वाली आवाज़ें और परछाइयाँ लोगों के मनोबल को तोड़ रही थीं।
तहखाने में मिला संदूक
कुछ महीनों बाद, हवेली के तहखाने में एक संदूक मिला जिसमें जादू से भरे अभिशापों और अधूरी कहानियों की पुस्तक थी। उस पुस्तक में लिखा था कि जो भी एक बार हवेली की आत्मा से जुड़ा, वह आजाद नहीं हो सकता।
गांव में बढ़ता भय और चर्चाएं
संदूक के मिलने के बाद गांव में डर और अंधविश्वास और बढ़ गया। लोग मानने लगे कि अनस की आत्मा अभी भी हवेली में फंसी है और वह अपने आप को सपनों के माध्यम से प्रकट करता है।
रहस्य के नए संकेत
एक अज्ञात दस्तावेज़ में उस हवेली के पुराने पंथ के छुपे रहस्यों के बारे में संकेत दिए गए, जिससे सवाल उठने लगे कि क्या यह रहस्य कभी उजागर होगा या यह नया झांसा है जो गांव में भ्रम फैलाएगा।
असंगठित अंत और अनस की कहानी
अभी तक इसका कोई निश्चित अंत नहीं है, और गांव के लोग हवेली और उससे जुड़े डर को भले ही भूलने लगे हों, लेकिन उस साया की प्रतीक्षा जारी है, जो बने रहस्य के नए शिकार की तलाश में हो सकता है।
रात के अंधेरे में जब कोई उस सुनसान रास्ते से गुजरे, तो हवेली की ओर नज़र डालना न भूलें – शायद, वहाँ अभी भी कोई साया इंतजार कर रहा हो।