
Summary: एक छोटे से गांव में रहस्यमय रूप से गायब हुए युवक रीहान की कहानी, जिस पर छाई है काले जादू और पुरानी मान्यताओं की छाया।
गांव में छिपा हुआ राज़
गहरे अंधकार में डूबा वह छोटा सा गांव, जहां भोर की पहली किरण भी घूंघट में छिप जाती है, आज भी अपने भीतर ऐसे राज़ छुपाए बैठा है, जो सौ साल बाद भी धुंध की तरह फैले हुए हैं। यह कहानी है उस युवक रीहान की, जो कुछ महीनों पहले रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था।
रीहान और पुरानी कहावत
रीहान, एक सामान्य परिवार का युवक था, खुशमिजाज और मेहनती। लेकिन गांव में एक पुरानी कहावत ने उसकी नियति को उलझा दिया था: “जो झरने के उस पार जाता है, लौट कर नहीं आता।” उस संदिग्ध झरने के किनारे बसे उसके घर से कुछ दूरी पर एक टूटी पुरानी हवेली थी, जिसके बारे में कहा जाता था कि वहां काला जादू होता है।
भय और रहस्यमय घटनाएं
- गांव वाले उस हवेली के पास से गुजरने से डरते थे।
- हवेली की खिड़की से अजीब सी रोशनी और आवाज़ें आती थीं।
- एक बार वहां से अजीब सी चीख़ सुनाई दी, मगर मौके पर केवल सन्नाटा था।
रीहान की गायब होने की रात
उस रात गांव में घना कोहरा था। रीहान की आखिरी नजरें उस हवेली की ओर थीं, जहां पर्दे के पीछे कोई रहस्य छिपा था। कई दशकों पहले भी कई युवा वहां से गायब हो चुके थे।
रीहान की बहन और रहस्योद्घाटन
रीहान की बहन ने बताया कि वह संदिग्ध नोट्स लेकर गांव की पुरानी लाइब्रेरी गई थी, जहां उसने काला जादू और प्राचीन पंथ से संबंधित किताबें पढ़ीं। सवाल यह था कि क्या रीहान खुद इस काले रहस्य में फंसा गया?
पुलिस की जांच और मिली वस्तुएं
- तफ्तीश में पुलिस को एक टूटा हुआ ताबीज़ मिला।
- इस ताबीज़ पर प्राचीन और अस्पष्ट लिपि में शब्द खुदे थे।
- ताबीज़ का संबंध उसी काली हवेली से था।
गांव में फैली अफवाहें और दहशत
उस रात गांव में आग लगने की अफवाहें फैल गईं। हवेली के खंडित दरवाज़े की चरमराहट ने भय को बढ़ा दिया। रीहान की आखिरी लोकेशन उसी पुराने झरने के पार दर्ज थी, जहां से कोई लौटकर नहीं आया।
क्या रहस्य छुपा है?
क्या यह घटना काले जादू का पंथ था या कोई मानवीय षड्यंत्र? क्या गांव के राज़ कभी खुलेंगे या रीहान हमेशा के लिए इस भयानक घोहाट में खो गया है?
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
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