मध्य प्रदेश में हाल ही में एक अत्यंत दुखद बाल अपराध की घटना ने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी है। यह मामला देश में बढ़ती बाल अपराध की गंभीरता को दर्शाता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, भारत में हर तीन मिनट पर एक बच्चा अपराध का शिकार बनता है।
इस alarming स्थिति के बीच, हर आठ मिनट में पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज होता है। 2023 में कुल 1,77,335 बाल अपराध दर्ज किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 9.2 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्शाता है। इस संख्या में बढ़ोतरी बच्चों की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है।
मध्य प्रदेश की यह घटना समाज के लिए चेतावनी है कि बच्चों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को इससे निपटने के लिए कठोर और तत्परता से कार्रवाई करनी होगी।
इस प्रकार की घटनाएं न सिर्फ पीड़ितों के जीवन पर गहरा असर डालती हैं, बल्कि पूरे समाज को भी झकझोर देती हैं। यह समय है कि हम सभी मिलकर बच्चों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए हर संभव प्रयास करें।
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