उत्तर भारत के एक पुराने गांव की खंडहर हवेली से जुड़ी यह कहानी एक रहस्यमय और भयावह अनुभव प्रस्तुत करती है, जिसमें अचानक गायब होने वाले लोगों का जुड़ाव उस हवेली के साथ है। ‘शिकारपुर की हवेली’ नामक यह खंडहर हवेली दशकों से गांव वालों के बीच डर और जिज्ञासा का कारण बनी हुई है। हवेली के अंदर अजीबोगरीब घटनाएं, फुसफुसाहटें और एक पुरानी धूल भरी किताब के माध्यम से काले जादू के संकेत मिलते हैं।
कहानी की शुरुआत होती है जब युवक राहुल हवेली के पास से गुजरते समय अनजाने में इसके अंदर प्रवेश करता है। जैसे ही वह किताब को छूता है, हवेली में अजीबोगरीब पैमाने पर बदलाव होते हैं और अगले दिन राहुल गायब हो जाता है। इस प्रकरण के बाद भी कई लोग हवेली को छूने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे भी रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते हैं।
गांव के बुजुर्ग और एक पूर्व शिक्षक इस रहस्यमय हवेली को लेकर अलौकिक घटनाओं और एक छाया के अनुभवों की बातें करते हैं। हवेली में बसे काले जादू और अतीत की गलतियों का दबाव ऐसा प्रतीत होता है कि हवेली किसी प्राचीन रहस्य और हत्या के गढ़ की तरह है।
फिर एक रात हवेली में आग लगने से एक खास कमरे और उसकी वह धूल भरी किताब नष्ट हो जाते हैं, परंतु वहां के रहस्य और गायब होने वाले लोगों का मामला अनसुलझा बना रहता है। आग के बाद भी हवेली के आसपास अस्पष्ट साए देखें जाते हैं, जो रहस्यमय और खामोश हैं।
संक्षेप में
- स्थान: उत्तर भारत का एक पुराना गांव, ‘शिकारपुर की हवेली’
- मुख्य घटना: रहस्यमय खंडहर हवेली से लोगों का अचानक गायब हो जाना
- मुख्य पात्र: युवक राहुल, गांव के बुजुर्ग और एक शिक्षक
- रहस्य: हवेली के अंदर काले जादू की किताब और अजीब घटनाएं जो गायबियों से जुड़ी हैं
- अंतिम घटना: हवेली में आग लगना और किताब का अंतिम रहस्य के साथ गायब होना
- प्रमुख सवाल: क्या हवेली में अलौकिक शक्तियां हैं? गायब हुए लोग कब लौटेंगे?
यह कहानी हमें याद दिलाती है कि कई स्थानों पर ऐसे रहस्य छिपे हैं जिन्हें समझना और जानना आसान नहीं होता। ‘शिकारपुर की हवेली’ का छुपा साया अभी भी उत्तर भारत के उस छोटे से गांव में खामोशी से अपनी कहानी बयान करने का इंतजार कर रहा है।
