
Summary: उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव में एक लड़की की रहस्यमयी गायब होने की घटना, काला जादू और पुराने पंथ की सचाई को उजागर करती है।
अंधेरी रात का साया: उस गांव में दफन एक पुराना राज़
रात का ताना-बाना बुनते हुए, जहां हर एक कड़कती ठंडी हवा के झोंके में कुछ बातें छिपी होती हैं, वहीं उत्तर भारत के एक छोटे से गाँव में एक ऐसा राज़ दबा हुआ है जिसने दर्जनों लोगों की नींद उड़ा रखी है। यह कहानी है उस मद्धिम जलती हुई दीयों और धीमे-धीमे चरमरा रहे दरवाज़ों की, जहां एक लड़की की अचानक गायब होने की रहस्यपूर्ण घटना ने पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण कर दिया है।
वह गांव, जो कभी खुशियों से गूंजता था, अब दहशत और तमाम अनसुलझे सवालों की परछाइयों में डूब चुका है। तीन महीने पहले, जब माघ की एक ठंडी रात में, 19 वर्षीय राधा नामक लड़की गायब हुई, तो उस गायब होने की वजह को लेकर गांव में तरह-तरह की अफवाहें फैलने लगीं। कोई कहता था कि वह कहीं भाग गई है, तो कोई अंधविश्वास के पिछड़े पंथ का नाम लेकर यह दावा करता कि उसने काला जादू की शक्तियों का सहारा लिया था।
राधा के परिवार वाले जब पुलिस से मदद मांगने पहुंचे, तो गांव की स्थानीय पुलिस ने मामले को ज्यादा तूल नहीं दिया। उन्होंने कहा, “शायद वह कहीं चली गई है।” लेकिन गाँव के बुजुर्गों के मुंह में यह बात कतई नहीं बैठी। वे कहते थे, “यहाँ कुछ तो अजीब है। राधा ने जो आखिरी बार कहा, उससे साफ था कि उसे किसी अंधकारमय ताकत का सामना करना पड़ा है।”
जैसे-जैसे दिन बीतते गए, अंधेरे से घिरी वो हवेली, जहां राधा अक्सर जाया करती थी, लोगों के लिए खौफ की जगह बन गई। हवेली के अंदर से देर रात अजीब आवाज़ें सुनाई देती थीं, जो किसी बला की याद दिलाती थीं। उस पर लिखी पुरानी किताबें, जिनमें अनाम जनाओं के नामों के साथ काला जादू के जटिल मंत्र संकलित थे, रहस्यमयता के स्तर को और बढ़ा देते थे।
एक रात, गाँव के कुछ युवाओं ने ठाना कि वो उस हवेली के रहस्यों का पर्दाफाश करेंगे। जैसे ही वे हवेली के पुराने, चरमराते हुए दरवाजे से अंदर घुसे, ठंडी हवा ने उनके रोंगटे खड़े कर दिए। दीवारों पर बनी रंग-बिरंगी तस्वीरें, जिनमें कुछ भयानक चेहरे उभरते नजर आ रहे थे, और हवेली के अंदर फैला अंधकार सभी को भयभीत कर रहा था।
झलकती हुई रोशनी में उन्हें एक पुरानी तिजोरी मिली, जिसमें अजीब सी लकीरें और सवालिया निशान खुदे हुए थे। तभी एक दरवाजा चरमरा कर खुला और अंदर से एक छायादार आकृति ने उन्हें घूरा, जिसने उनके दिल की धड़कनें बढ़ा दी। अचानक आवाज़ सुनाई दी, “यहाँ से चले जाओ, नहीं तो तुम भी गायब हो जाओगे।”
वे दौड़ते हुए बाहर निकले, लेकिन उस रात से गाँव की हवेली और उसकी डरावनी छवि ने उनको पीछा नहीं छोड़ा। पुलिस ने जब उस तिजोरी और काला जादू के दस्तावेजों की जांच की, तो कुछ ऐसे पन्ने मिले, जो साफ तौर पर एक पंथ की मौजूदगी का संकेत देते थे, जिसने कई वर्षों से उस इलाके में छिपकर दुष्ट कृत्य किए थे।
राधा की गुमशुदगी अब सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं रही, बल्कि एक व्यापक रहस्य बन गई, जिसमें हत्या, काला जादू, और गायब हुए लोगों की कहानियाँ गहराती चली गईं। गाँव के लोग अब रात में एक-दूसरे को चेतावनी देते हैं, “रात के सन्नाटे में उस हवेली का साया मत देखना।”
लेकिन क्या सचमुच राधा और कई अन्य लोग हवेली के काले जादू की भेंट चढ़ गए? या ये सब एक मनोवैज्ञानिक दुष्चक्र का हिस्सा है? क्या वह पंथ आज भी छिपकर अपने खून गलत मकसदों के लिए इस्तेमाल कर रहा है? कई खोजों के बावजूद पहेली अधूरी ही रह गई है। शायद यही इसका सबसे खौफनाक पहलू है।
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
यह कहानी जहां थमती नजर आती है, वहीं सवाल और भी गहराते हैं। क्या आप उस अंधेरे साए के भीतर छिपे सच को समझ पाएंगे?
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