
उस रात का साया एक रहस्यमय कहानी है जो एक छोटे गांव की पुरानी हवेली और एक 19 वर्षीय लड़की, स्वर्णा, के अचानक गायब होने के इर्द-गिर्द घूमती है। इस कहानी में काला जादू, छिपे हुए पंथ और एक डरावनी किताब के रहस्यों की गूंज सुनाई देती है, जो गांव में सदियों से दफन हैं।
कहानी का माहौल
गांव का सन्नाटा और हवेली का पुराना, डरावना माहौल एक तरह का रहस्य और डर पैदा करता है। हवेली के अंदर की दीवारों में छुपे इतिहास और गुप्त संकेत गांव के लोगों को बेचैन करते हैं।
स्वर्णा का रहस्यमय गायब होना
स्वर्णा की अचानक गायब होना गांव में डर और संशय की स्थिति पैदा करता है। लोगों का मानना है कि उसकी आत्मा वापस लौट आई है, या फिर उसके साथ काला जादू हुआ है।
डरावनी किताब और पंथ
स्वर्णा ने हवेली के खजाने में छुपी एक ‘डरावनी किताब’ देखी थी, जो काले जादू और रहस्यों से जुड़ी हुई है। यह किताब पढ़ने वालों के लिए भयानक अंजाम लाती है।
हवेली में खुलासा
गांव के युवकों द्वारा हवेली के बंद कमरे का दरवाजा खोलने पर उन्हें खून से सना एक पुराना सन्दूक मिलता है, जिस पर उल्टी आकृतियाँ और गुप्त संकेत उकेरे हुए हैं। यह संदूक और हवेली का इतिहास पंथ से जुड़ा हुआ दिखता है।
मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभाव
- गांव में फैलता डर और गुप्त बातें
- पुलिस भी रहस्यों के आगे असमर्थ
- स्वर्णा की गायब होने की अनसुलझी पहेली
संक्षेप में
कहानी एक पुराने गांव की उस असाधारण घटना का चित्रण करती है, जहां काला जादू, रहस्यमय पंथ, और एक खोई हुई लड़की की गूंज आज भी हवेली की पुरानी दीवारों में है। स्वर्णा का रहस्य आज भी अनसुलझा है, और गांव में उसका साया गूंजता रहता है।
सारांश: यह कहानी एक गांव की पुरानी हवेली और गायब हुई लड़की स्वर्णा की रहस्यमय गाथा बताती है, जिसमें काले जादू और छिपे हुए पंथ की गूंज सुनाई देती है जो गांव वालों की ज़िंदगी में सन्नाटा और डर पैदा करता है।