
देश की सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा विवाद फिर गरमाता दिख रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान को ऑपरेशन के बारे में पूर्व सूचना दी, जिससे हमारे वायुसेना के विमान खो गए। राहुल गांधी ने इसे ‘अपराध’ बताया है, ‘लापरवाही’ नहीं।
राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के मौन पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर कितने भारतीय विमान पाकिस्तान को जानकारी मिलने की वजह से नष्ट हुए? उन्होंने कहा कि देश को इस मामले में पूरी सच्चाई जानने का अधिकार है। कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए संसद और देश से जवाबदेही की मांग की है।
क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई यह जानकारी पाकिस्तान को देना एक धोखा था? अगर ऐसा है तो यह केवल एक राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा भी है। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को शुरू हुआ था, जिसका मकसद था जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना। इस ऑपरेशन में भारत ने बड़ी संख्या में आतंकियों को खत्म किया, लेकिन इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से जवाबी कार्रवाई भी हुई।
विदेश मंत्रालय ने इस आरोप को गलत बताया और कहा कि पाकिस्तान को सूचना ऑपरेशन के शुरू होने के तुरंत बाद दी गई थी, इससे पहले नहीं। लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि क्या यह सूचना देना सही था? और अगर इससे हमारे सैनिकों को नुकसान हुआ है, तो जिम्मेदार कौन?
यह मामला सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा गहरा सवाल है। ऑपरेशन सिंदूर की यह अनकही कहानी अब हर किसी की नजरों में है। क्या सच सामने आएगा? या फिर यह रहस्य हमेशा के लिए छुपा रहेगा?
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