
गर्मियों की उन अंधेरी रातों में, जब हवा भी थरथर कांपती थी, एक छोटे से गांव का सुखद जीवन अचानक से एक अजीब खौफ में डूब गया। यह वह समय था जब ग्रहण की असामान्य घटना हुई, और इसी ग्रहण की छाया ने एक मासूम की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया। गांव में जिस प्रकार से लोग गायब होते गए, उससे हर दिल में एक दहशत ने घर कर लिया। वही गांव जो कभी अपनी मिट्टी की खुशबू में सुकून बिखेरता था, अब मूक साक्षी था एक ऐसे रहस्य का, जो किसी की समझ से परे था।
उस रात, चंद्र ग्रहण की चांदनी भी नहीं छिपा पाई थी गांव के उस छोटे से घर की दरवाज़ों के पीछे छिपे कराहती आहें। गांव के लोग कहते हैं कि उस दिन से गांव की धरती में कुछ भयानक सा घुल गया था। हर गायब हुए व्यक्तित्व के पीछे एक खालिस परछाई थी – एक ऐसा साया जो नज़र नहीं आता, पर हर वक्त महसूस किया जाता है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि ग्रहण के दौरान एक पुरानी आत्मा जाग उठी, जिसकी भटकती खुशबू अब भी हवाओं में घुली रहती है। बच्चों के चिल्लाने की आवाज़ें, बिना पलक झपकाए घोर अंधेरों में लकड़ी की चरमराती खिड़कियां… ये सब कुछ उस रात का हिस्सा बन गया। गांव के केंद्रीय मंदिर के पास स्थित उस कंदीलघर में अचानक चमकती हुई रोशनी ने लोगों के दिलों की धड़कनें बढ़ा दीं। खास बात यह थी कि उस कंदीलघर में असामान्य और अबूझ प्रतीकों से भरी किताबें मिलीं, जिनके पन्नों में समझ से परे काला जादू और पुराने पंचांगों की गूढ़ बातें लिखी थीं।
जैसे-जैसे घटनाएं बढ़ती गईं, गांव में भरोसे और शक के बीच एक अजीब सी लड़ाई शुरू हो गई। उन लोगों की कहानियां जो फुसफुसाते थे कि उन्होंने अंधकार में अजीब दर्शन देखे, या उन छायाओं को महसूस किया जो इंसानी नस्लियत के बाहर थीं। हत्या की घटनाएं थम नहीं रहीं, गायब होने वाले दिन प्रति दिन बढ़ रहे थे, और कम्पनों से भरी हवाएं कुछ हद तक इस रहस्य की देहलीज पर खड़ी थीं।
शोधकर्ताओं ने भी जब गांव में उतरना चाहा, तो पाया कि यहां के लोगों की आंखों में गहरा डरा और मंथर दुश्मन सा सन्नाटा पसरा था। हर तरफ छुपे संकेत, गुमनाम इंतिहान और अधूरी कहानियां मौजूद थीं। “क्या सच में ये सब काला जादू का करिश्मा था?” कईयों के मन में यही सवाल कौंधा। लेकिन जवाब न मिलने वाला था, क्योंकि गांव की मिट्टी में दफन था एक ऐसा राज़ जिसका खुलासा मानवता के लिए शायद बहुत खतनाक होता। दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
यह कहानी उस गांव की है, जहां एक बच्चे की हत्या के बाद से ही वो जो लौट कर नहीं आया बस नाम रह गया। उस काला जादू की छाया ने गांव को अपनी चपेट में ली, कुछ ऐसा कि अब तक के सारे प्रयास उस रहस्य को सुलझा पाने में असफल ही रहे। क्या ये सच था या केवल एक बड़ा भ्रम? क्या इस रहस्य के पीछे पंथ के कारनामे छिपे थे या कुछ और? सवाल अब भी हवा में हैं, अभी तक कोई उनकी आवाज़ को पकड़ नहीं पाया।
इसी असमंजस भरे पर्दे के पीछे छुपा वह साया आज भी उस गांव की गलियों में गुम होता नजर आता है, जैसे उन भूली-बिसरी आहों का पुनरावर्तन। क्या आखिर वह साया सचमुच वहीं है या हमारी कल्पनाओं का वह प्रेतात्मा जो हमें हमेशा सताता रहेगा? कहानियां तो चलती रहेंगी, लेकिन जवाब तो वहीं छिपा होगा, जहां से ये शुरू हुआ था।
सारांश
यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहां अचानक गायब होने वाली घटनाएं, काला जादू, रहस्यमय मौतें और अधूरा सच लोगों के दिलों में भय और सवाल पैदा कर गए। चंद्र ग्रहण के दौरान शुरू हुई ये सब घटनाएं गांव को एक भयानक रहस्य में बदल गईं, जहां हर गायब होने के पीछे एक नज़र न आने वाला साया था। अंततः, एक बच्चे की हत्या और काला जादू की छाया ने गांव के जीवन को सदा के लिए बदल दिया, और आज भी इस रहस्य का कोई समाधान नहीं मिल पाया है।
DEEP DIVES के साथ रहिये कि ऐसी ही रहस्यमयी कहानियों के लिए।