
खूनी हवेली की गूंज एक गाँव की पुरानी हवेली में छिपे काले जादू और एक रहस्यमय हत्या की कहानी है, जो सदियों से गांववालों के दिलों में डर और सवाल छोड़ गई है।
कहानी की शुरुआत
वह रात सामान्य लग रही थी, लेकिन पुरानी हवेली पर चाँद की किरने पड़ते ही एक अंधेरा साया फैल गया। इस हवेली में कई साल पहले एक लड़की, आरती, रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। वह स्वाभाविक और खुशमिज़ाज लड़की गाँव में जानी जाती थी। पर सफर के लिए निकली वह कभी वापस नहीं आई। इस घटना ने गाँव में गहरा दर्द और रहस्य पैदा कर दिया।
गाँव की मान्यताएँ और काला जादू
- बूढ़ी औरतें मानती हैं कि हवेली में काला जादू हुआ था।
- कुछ लोग मानते हैं कि वहां एक रहस्यमय पंथ सक्रिय था, जो आत्माओं को इस दुनिया में बांधने के लिए जादू टोना करता था।
- हवेली में छिपा काला जादू अभी भी मौजूद है और जो उस पर नजर डालता है, उसे अपनी कीमत चुकानी पड़ती है।
रहस्यमयी घटनाएँ
हवेली के बड़े कमरे अब वीरान हैं, लेकिन इसके बारे में कई अजीब और डरावनी बातें कही जाती हैं:
- अचानक दरवाज़ों का बंद हो जाना।
- अजीब आवाज़ें सुनाई देना।
- अंधेरे में जलती हुई लाल बत्तियाँ दिखाई देना।
- आसपास से गुजरते लोग भयभीत हो जाना।
पत्रकार की खोज
एक स्थानीय पत्रकार ने इस मामले की तहकीकात की और पुराने दस्तावेज़ खोजे, जिनमें हवेली में हुए काले जादू और पंथ की क्रियाओं का उल्लेख था।
उसने बड़ी मेहनत से हवेली में कई रातें बिताईं और इस रहस्य को समझने की कोशिश की। वह नोट करता है कि हवेली के कमरों में अक्सर तापमान नीचे गिरता था और हवा में अजीब महक फैलती थी।
एक रात उसने एक पुराने पन्ने पर लिखे शब्द देखे- “वो जो लौट कर नहीं आया…”
अनसुलझा रहस्य
पत्रकार अचानक गायब हो गया और उसके साथ कई जरूरी सुराग भी लापता हो गए। इस वजह से घटना की गुत्थी और भी पेचीदा हो गई। आज भी यह हवेली गांववालों के लिए एक डरावना साया बनी हुई है जहाँ मौत, रहस्य, और काला जादू एक साथ गुंथे हुए हैं।
अंत में
क्या आरती सचमुच जादू के जाल में फंसी थी? या हवेली में कोई और खतरा छिपा है? यह सवाल आज भी अनुत्तरित हैं।
सारांश: यह कहानी एक गाँव की पुरानी हवेली में छिपे काले जादू और एक रहस्यमय हत्या के बारे में है, जो आज भी गाँव के लोगों के लिए एक अनसुलझा रहस्य है। हवेली में हुई घटनाएं और गायबियों ने लोगों के दिलों में डर और जिज्ञासा दोनों पैदा कर दी हैं, जिन्हें समय ने भी सुलझाया नहीं है।