
खूनी हवेली की गूंज एक प्राचीन हवेली की कहानी है, जो अपने अंदर अंधकारमय रहस्यों, गायब होने वालों की गाथा और काले जादू के गहरे साए छिपाए हुए है। गांव के किनारे खड़ी यह हवेली ‘साया हवेली’ के नाम से जानी जाती है, लेकिन इसके नाम से ही लोगों के दिलों में डर और सिहरन पैदा हो जाती है।
कहानी के केंद्र में है अर्जुन, एक युवक जो अपने गांव की मिट्टी से जुड़े उन रहस्यों को सुलझाने निकला है, जो सदियों से दबे हुए हैं। हवेली के अधूरे दरवाज़े, टूटी खिड़कियाँ और जर्जर दीवारें जैसे किसी अनदेखी शक्ति का घर हों। हवेली के आस-पास हुई अजीब घटनाएं — लाल चमकती आंखें, अनजानी आवाज़ें, और हवा में उठती अचानक ठंडक — इस जगह की भयानक दास्तान का हिस्सा हैं।
मुख्य बिंदु:
- रहस्यमय हवेली: पुरानी, जर्जर और खौफनाक हवेली जहां कई लोग “लौट कर नहीं आए।”
- अर्जुन की खोज: वह हवेली के अतीत और उसमें छिपे काले जादू को समझने के लिए गया था।
- अजीब घटनाएं: लाल आंखें, हवा में आवाज़ें, रक्त से सने ग्रंथ, और अज्ञात लेख हवेली की भयावहता को दर्शाते हैं।
- गायब हुए लोग: हवेली में कई गायब लोगों के संकेत और एक छुपाई हत्या की कहानी मिली।
- रहस्य की परतें: अर्जुन ने कई संकेत पाए जो हवेली के इतिहास की गूढ़ता को उजागर करते हैं।
- अर्जुन की अंतिम खोज: तहखाने की ओर बढ़ते हुए अचानक उसके कदम थम गए और सन्नाटा पसरा। उसके बाद क्या हुआ, कोई नहीं जान पाया।
सारांश में, यह कहानी भय, रहस्य और अधूरी कहानियों से भरी हुई है। हवेली की खूनी गूंज आज भी गांव में सुनाई देती है, और खुले प्रश्न हवा में तैरते हैं — क्या काला जादू सच में सक्रिय है? क्या अर्जुन कभी लौट कर आएगा या वह एक गहरे जादुई साए में खो गया है? यह कहानी एक अनसुलझे रहस्य के रूप में बनी हुई है, जो किसी नई किरण के इंतजार में है जो उसे बाहर ला सके।