
वीरपुर गांव में हुआ विकास का रहस्यमय गायब होना एक ऐसी कहानी है जो भय और रहस्य से भरी हुई है। मई की एक ठंडी रात, जब चाँदनी भी छुप गई, गांव के सबसे पुराने घर से एक चीख निकली जिसने पूरे गांव के लोगों को झकझोर दिया। विकास, जो अक्सर अजीब गतिविधियों में उलझा रहता था, अचानक गायब हो गया। उसके घर से मिलीं जूते, बिखरे पन्ने और एक काला जादू की पुरानी किताब ने घटनाओं को और भी रहस्यमय बना दिया।
गांव वालों के अनुसार, वह घर जिस कुएं के पास था, एक समय बलि स्थल के रूप में जाना जाता था। विकास की गुमशुदगी के बाद काफी दिनों तक गांव की सीमा पर एक साया देखा गया जो विकास की तरह लगता था। कई बच्चे उस साये का पीछा करने गए और डर कर लौटे, उनके चेहरे पर अजीब भय साफ झलकता था।
कहानी के गहराते रहस्यों से गांव वाले भयभीत हो उठे थे। उस किताब के पन्नों पर लिखे ओर चिन्हों और अधूरे मंत्रों ने अफवाहों को और हवा दी। महीनों बाद भी विकास का कोई सुराग नहीं मिला, जिससे गांव वाले उस घर और कुएं से दूर रहने लगे।
एक धीमी गुनगुनाहट के साथ किसी ने कहा, “मैं लौटूंगा…” और फिर सब कुछ खामोश हो गया। यह सवाल अभी भी अनसुलझा है कि क्या विकास की आत्मा किसी रहस्यमय शक्ति के घेरे में फंसी है या गांव में कोई दफन राज़ छुपा है जो सदियों से खुलने का इंतजार कर रहा है।
कहानी का सारांश
- विकास नामक व्यक्ति वीरपुर गांव में गायब होता है।
- उसके घर से मिला एक काला जादू का पुराना पुस्तक रहस्यों को बढ़ाता है।
- गांव के लोग एक परछाई देखकर डर जाते हैं जो विकास की तरह लगती है।
- कहानी रहस्य, भय और अंधविश्वासों से भरी है।
- सवाल अभी भी बना हुआ है कि विकास किस हालात में गायब हुआ और उसका क्या हुआ।
इस प्रकार, वीरपुर गांव में दफन यह राज़ आज भी एक अनसुलझा और भयभीत करने वाला रहस्य बना हुआ है।