नीलगों बादलों से घिरा एक छोटा गांव भूतपुर अपनी रहस्यमय घटनाओं के कारण चर्चा में था। गांव के बाहर स्थित एक पुरानी हवेली, जहाँ से अजीब आवाज़ें और परछाइयाँ देखने को मिलती थीं, ने लोगों के मन में डर भर दिया था। खासकर तब जब राजेश नाम का एक किसान, जो गांव में अपनी हँसी और मस्ती के लिए जाना जाता था, अचानक गायब हो गया।
राजेश की गायबी के पीछे की कहानी अनसुलझी रहस्य से भरी थी। कहा जाता है कि उसने हवेली के तहखाने से एक पुरानी किताब निकाली थी, जिसमें काला जादू और प्राचीन पंथों का वर्णन था। उस किताब को पढ़ने के बाद उसकी नजरों में अजीब बदलाव आए और इसी के बाद वह कभी वापस नहीं लौटा।
पुलिस जांच में मिले सबूत सवाल उठाते हैं कि क्या यह केवल एक हादसा था या किसी गूढ़ हत्या का मामला। हवेली की दीवारें और झूमरों की रोशनी एक रहस्यमय और खौफनाक कहानी बयां करती हैं, जिससे इसे और भी ज्यादा जटिलता मिलती है।
मुख्य प्रश्न जो गांव वालों के दिमाग में घर कर चुका है, वो यह है कि राजेश वास्तव में कहाँ गया? क्या वह काले जादू के भंवर में फंस गया, या कुछ और ही सच छुपा है?
समाप्ति
राजेश की कहानी और उसकी रहस्यमय गायबी आज भी भूतपुर की हवाओं में गूंजती है, और वह पुरानी हवेली अपनी बाक़ी कहानियों के साथ एक अनसुलझे रहस्य के तौर पर मौजूद है। काला जादू या अंधविश्वास, इस प्रश्न के जवाब हवा में तैरते हैं, जिन्हें पकड़ पाना मानव की क्षमता से बाहर है।
सारांश
गांव में दफन राज़ एक ऐसी कहानी है जो प्राचीन काले जादू, रहस्यमय गायब होने और अनसुलझी घटनाओं के इर्द-गिर्द बुनी गई है। एक सामान्य किसान की लापता होने वाली घटना, और उस से जुड़ी पुरानी हवेली में छुपा अंधेरा सच, इस कहानी को बेहद खौफनाक और रोमांचक बनाता है।
