
Summary: इस कहानी में उत्तर भारत के एक छोटे गांव में गायब हुए युवक अर्जुन की रहस्यमयी घटनाओं का खुलासा किया गया है। काला जादू, प्राचीन पंथ और हवेली में छुपी डरावनी सच्चाइयों ने गांव में भय का माहौल बना दिया है। अर्जुन का रहस्य अब तक अनसुलझा है और इस कहानी के माध्यम से गहरे रहस्यों की पड़ताल की गई है।
गांव में दफन राज़: जो लौट कर कभी नहीं आया…
सितम्बर की ठंडी रातों में, जब अँधेरा अपने ठहराव पर होता है, उत्तर भारत के एक छोटे से गांव की जमीन में दफन एक राज़ का पर्दा उठता है। गांव के बुजुर्गों की कहानियों में गूंजता है एक ऐसा मर्डर, जो वर्षों से तहस-नहस करता रहा है इस मोहल्ले की हँसी-खुशी। यह कहानी है एक युवक की, जो अचानक गायब हो गया था — कोई सुराग नहीं छोड़कर, बस रहस्यमयी अंदाज़ में हवा में विलीन।
उस लड़के का नाम था अर्जुन, एक मेहनती और भला आदमी, जिसके वापस लौटने की आस में पूरा गांव डूबा था। इस कहानी की सच्चाई खोजने जब मैं वहां पहुंचा, तो मैने देखा कि उस हवेली के चारों ओर एक अजीब सा सन्नाटा छाया है — जैसे किसी ने धूप को ही बंद कर दिया हो।
गांव की असली दास्ताँ तो उस पुरानी हवेली से शुरू होती है, जहाँ अर्जुन का आखिरी पता मिला। वह हवेली, जो बहु-पीढ़ीयों से रहस्यों और पंथ पूजा की गुमनाम छाया में डूबी थी, वहां से अफवाहें फैलती रहीं कि काला जादू हुआ, और जो इसे समझने की कोशिश करता, वो कभी वापस नहीं आता। लोग कहते हैं कि हवेली की दीवारों में छुपा है कुछ ऐसा जिसे जाहिर करना मौत के समान था।
मेरे एक परिचित जो उसी गांव में रहता है, उसने बताया कि अर्जुन ने अपने गायब होने से पहले कुछ दिन अजीब गतिविधियां देखीं और महसूस की। रात के समय बहुत से लोग उन पर शक करते, और रात के सन्नाटे में हवेली की खिड़कियों से सुनाई देना शुरू हुआ रहस्यमयी मंत्रों का जप। एक बार तो गांव में पुलिस ने भी जांच पड़ताल की, लेकिन हर बार वे तथ्यों से एक कदम दूर रह गए।
मगर असली सस्पेंस तब हुआ, जब मैंने वह पुरानी डायरी देखी — जिसमें कुछ अधिलेखित पन्ने मिले, जिन पर अस्पष्ट और डरावने संकेत लिखे थे। कुछ शब्द और चित्र थे, जिन्हें देखकर किसी की हिम्मत कम हो जाए। जैसे कोई काला जादू हो रहा हो उस हवेली में।
कहानी के बीच में, एक संदेह उभरता है कि अर्जुन का रहस्य केवल प्राकृतिक नहीं था। कहीं वह उस रहस्यमय साया का हिस्सा तो नहीं बन गया, जिसे लोग ‘अंदर छिपा साया’ कहते थे? कुछ ग्रामीणों का मानना था कि वह हवेली स्वयं कुछ जीवित प्रेतात्मा को समेटे हुए है जो हर आने वाले की हड्डियां उखाड़ने पर आमादा है।
दिन बीते, और गांव की वो हवेली अपनी दहशत बरदार रखती रही, जैसे समय के साथ पानी की तरह गुप्त रहस्यों में विलीन हो गई हो। अर्जुन की गुमशुदगी का मामला आज भी अनसुलझा है। क्या वह सचमुच जादू-टोना के खेल का शिकार था? या वहां छुपा कोई और बड़ा राज था, जो किसी ने जानबूझकर दबा रखा है?
मेरा मन भटकने लगा उन सवालों में जो जवाबों की तलाश में हैं। मेरे साथ जो हुआ, वो तो शुरुआत है — असली कहानी उन हवेली की दीवारों में दबी है। कहते हैं, वह जो लौट कर कभी नहीं आया, अभी भी कहीं उस साया के पीछे छुपा है, इंतजार करता है।
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
क्या आप तैयार हैं उन गुप्त राज़ों को खोजने के लिए जो इस गांव की धूल में दफ़न हैं? क्या अर्जुन के पीछे छिपा सच कभी उजागर होगा? यह कहानी बस शुरू हुई है।
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