Summary: एक छोटे से गाँव में एक युवक अर्जुन की रहस्यमयी गायब होना और एक प्राचीन काली जादू की किताब के आसपास छिपा साया, जो गाँव में अजीब घटनाओं का कारण बनता है।
गاؤں में दफन राज़
अंधेरा छाने लगा था जब मैं उस छोटे से गाँव के पुराने रास्ते पर पहुँचा। ठंडी हवा के झोंकों में कुछ असामान्य सिहरन थी, जैसे किसी ने वहां की ज़मीं में कोई गहरा राज़ दफन कर रखा हो। गाँव के लोग उस जगह के बारे में बात करने से कतराते थे, और उनकी आँखों में डर सा साफ नज़र आता था। कहते थे कि कुछ हफ्ते पहले, एक युवक अचानक गायब हो गया था, और फिर उसे कभी वापस नहीं देखा गया।
वह युवक, जिसका नाम अर्जुन था, गाँव का सबसे हंसमुख और ज़िंदादिल इंसान था, पर कुछ दिनों से उसने खुद को दुनिया से कटते जाना शुरू कर दिया था। लोग मानते थे कि उसने काला जादू में कुछ हाथ पड़ लिया है, जो उसके लिए मुसीबत बन गया। उसकी गायब होने की रात कई ने अजीब अंधेरे छोरों पर रोशनी देखी थी, और अचानक से गांव में अजीबोगरीब आवाजें गूंजने लगी थीं।
हवेली का रहस्य
मैंने जब उस पुराने और जर्जर हवेली की तरफ देखा, जो गाँव के किनारे खड़ी थी, तो उसकी खिड़कियों से अजीब सी चमक निकल रही थी। हवेली की दीवारें जैसे किसी भूतपूर्व दर्द की कहानी बयान कर रही थीं। उस रात हवेली के बाहर कुछ किरचें पड़ी थीं, और कुछ अशुद्ध निशान ज़मीन पर बने हुए थे, जो शायद किसी संघर्ष की गवाही देते थे।
गाँव के मुखिया ने मुझे बताया कि अर्जुन ने हवेली के तहखाने में कुछ खोजा था — एक पुरानी किताब, जिसे उन्होंने ‘जादू की किताब’ कहा। उसकी पन्नों में कुछ ऐसे राक्षसात्मक अक्षर थे, जो मान्यताओं से परे थे। उसके बाद अर्जुन के व्यवहार में एक डरावनी बदलाव आ गया, और दिन-प्रतिदिन वह गांव में भय का माहौल फैलाने लगा।
अजीब घटनाएँ और रहस्यमयी गायब होना
एक रात, हवेली से किसी का चीखना सुनाई दिया, पर जब लोग पहुंचे, तो केवल सन्नाटा था। अर्जुन कहीं नहीं था। कुछ लोगों को रात के अंधेरे में उसकी आकृति दिखी, जो हवेली से निकल कर झाड़ियों में गायब हो गई।
तब से गाँव में सनसनी फैल गई कि अर्जुन इंडुयंत्रित जादुई शक्तियों के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है, और वो लौट कर नहीं आएगा। पर असली रहस्य हवेली के तहखाने में दफन वो काला जादू की किताब क्या है? क्या अर्जुन ने सचमुच भविष्य देखा था? या फिर कोई बहुत पुराना पंथ यहाँ सक्रिय है?
अंतिम सवाल और रहस्य
यहाँ तक कि आज भी जब हवेली के दरवाज़े खुलते हैं, तो ठंडी हवा का झोंका इतनी तेज़ी से अंदर आता है कि लोगों की रूह कांप उठती है। रात के वक्त वहां जाने की हिम्मत किसी के पास नहीं होती। कौन जानता है, क्या साया अभी भी वहां मौजूद है, इंतजार कर रहा है… किसी के लौटने का, जो शायद कभी लौटेगा नहीं?
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा। कौन था वह जो वापस आना चाहता था? और क्या कभी सच में वापस आएगा? यह सवाल आज भी दबी हुई सांसों में गूंजते हैं।
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