Summary: राकेश की रहस्यमयी गायबगी और काले जादू के काले साये में डूबा एक गांव, जहाँ पुरानी मान्यताओं और अलौकिक घटनाओं ने एक खौफनाक राज़ जन्म लिया।
गांव में दफन राज़: वो जो लौट कर नहीं आया
धुंध से घिरी उस सदी पुराने गांव की एक सुनसान गली में, जहां हर घर की दीवारें सदियों पुराने किस्से छुपाए बैठी थीं, अचानक अंधेरा इतना गाढ़ा हो गया कि छाँव भी खुद को छुपाने को मजबूर हो गई। गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि यहाँ कुछ ऐसी परछाइयाँ घूमती हैं, जिन्हें देखना मौत की सौगात से कम नहीं। लेकिन उस दिन, जब हवाओं ने अचानक एक अजीब सी सरगर्म कहानी फुसफुसाई, तो गांव में एक खौफनाक राज़ ने जन्म लिया।
यह कहानी है राकेश की, जो तीन महीने पहले अचानक गायब हो गया। तीनों महीने, गांव के लोग उसकी तलाश में लगे रहे — जंगल, पुराने कूप, नदी किनारे, लेकिन हर जगह माया की तरह वह अदृश्य था। पर जो बात सबसे विचित्र थी, उस रात उस पुराने मठ के पास से अजीब आवाजें सुनाई दी गईं। चौंकाने वाली चीखें, मंत्रों की गूंज — जिसे सुन कर अनुभव होने लगा कि जैसे कोई काला जादू टपक रहा हो उस हवा में।
राकेश, जो अपने घर के आस-पास कभी भी अकेला घूमा नहीं करता था, अचानक क्यों उस मठ की ओर गया यह सवाल अब भी गांव में उलझा हुआ है। उसके कमरे में मिली एक पुरानी, धूल से भरी किताब, जिसमें अजीबहस संकेत और रहस्यमयी चित्र थे, ने इस कठनाई को कुछ और गहरा कर दिया। ये चित्र और स्याह इंक की लकीरें लोगों के मन में डर और शक की जड़ें जमा रही थीं।
एक रात, गांव के प्रधान ने बताया, “दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया, और सन्नाटा गूंज उठा। कुछ मिनटों के लिए ऐसा लगा कि कोई नाम लेकर पुकार रहा हो, फिर अचानक चुप्पी छा गई।” यह घटना उसी इलाके में हुई, जहां से उस काला जादू की गंध आ रही थी।
गांव की महिलाओं ने असामान्य स्वप्न देखे; एक धोखे भरे पंथ की झलक मिली एक अंधेरे कमरे में, जहां राकेश का नाम मंत्र की तरह गूंज रहा था। बुजुर्गों ने माना कि यह सफर खत्म नहीं हुआ, बल्कि तोता-जैसी आवाज़ों और अजीब रोशनी के कारण यह रहस्य अब और भी पेचीदा हो गया है।
आधुनिक विज्ञान, राजनीति या गांव की आम दहशत, कुछ भी इस गुमशुदगी की तह तक नहीं पहुंच पाया। राकेश की तस्वीरें अब भी दीवारों पर लटकी हैं, लेकिन कोई भी उसकी वापसी की खबर नहीं ला सका। काला जादू और रहस्यमयी पंथ के इस मिश्रण ने गांव के दिलों में डर का एक ऐसा साया छोड़ दिया है, जो शायद कभी हट न पाएगा।
क्या सच में वह वापस आएगा? या इस काले जादू ने उसे हमेशा के लिए निगल लिया? उस डरे हुए गांव के लिए यह सवाल अभी भी अधूरा है, जैसे कोई कहानी जो अंतिम पन्नों से पहले ही रुक गई हो।
