
Summary: एक पहाड़ी गांव में अचानक गायब हुआ युवक अजय और उसके पीछे छुपा काला जादू और रहस्य, जो कभी सामने नहीं आया। अजय की गुमशुदगी से गाँव में भय का माहौल बन गया, साथ ही काली जादू की किताब और रहस्यमय घटनाओं ने स्थिति को और भी भयानक बना दिया। कहानी बताती है कि कुछ रहस्य ऐसे होते हैं, जिन्हें उजागर करना खतरे से कम नहीं।
गांव का रहस्यमयी अंधकार
दूर एक सुनसान पहाड़ी गांव था, जहाँ हर शाम के साथ घना अंधेरा अनचाहे साये जल्दी से अपने पंजे फैलाने लगता। उस गांव की मिट्टी में दबी थी कई-कई पीढ़ियों के रहस्य, लेकिन पिछले कुछ महीनों में जो हुआ, उसने वहां की हवा में एक अनजाना सा डर घोल दिया था।
अजय की रहस्यमयी गुमशुदगी
यह कहानी है एक युवक की—अजय की, जो कुछ महीनों पहले अचानक गायब हो गया। अजय, जो गांव का ही भरोसेमंद लड़का था, हर किसी का मित्र और अपनी छोटी-सी दुकान का मालिक। लेकिन एक रात, जब पूरा गांव अपनी नींद में था, अजय की दुकान से आवाज आई, जैसे कोई अनजान साया उसके पीछे घूम रहा हो। अगली सुबह अजय का कोई पता नहीं चला।
गांव वालों का भय और अजीब घटनाएँ
गांव वाले पहले तो उसे किसी झगड़े या कहीं बाहर घूमते हुए समझ बैठे। लेकिन जैसे ही एक हफ्ता बीता और उसकी कोई खबर नहीं आई, तो भय की चपेट में हर घर आ गया। अजय के घर के बाहर मुलाक़ात करने आए कुछ शहर के दोस्त भी बोले कि अजय के कमरे से अजीब-अलग ध्वनियाँ आई थीं, जैसे कोई अनदेखा हस्ताक्षर कर रहा हो। दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
रहस्यमयी काली किताब और काला जादू
जांच पड़ताल में एक रहस्यमयी काली किताब मिली, जिसे अजय ने पिछले महीने गांव के पुराने मंदिर से चुराया था। कहते हैं वो किताब केवल काला जादू और दूसरों को भटकाने वाली शक्तियों का खजाना थी। वहीं से शक हुआ कि अजय केवल गायब नहीं हुआ, बल्कि उसने कुछ ऐसा किया, जो इस दुनिया से मौत के बाद भी देर तक लौट कर नहीं आता।
बुजुर्गों की चेतावनी और प्रथा
गांव के बुजुर्गों ने बताया कि इस इलाके में पुराने जमाने से एक प्रथा थी—जो कोई भी काले जादू की इस किताब को खोलता है, वह उस विचित्र दुनिया में फंस जाता है जहाँ से वापसी नामुमकिन होती है। लोगों की मान्यताएँ, अंधविश्वास और पुरानी कहानियाँ इस घटना को और भी भयावह और रहस्यमयी बना देती हैं।
रहस्यमय चिन्ह और आवाज़ें
रहस्यमय सन्नाटे के बीच, उस दुकान के चारों और जमीन पर कुछ अजीबोगरीब चिन्ह उभर आए। चिन्ह जो रात के अंधेरे में धुंधली रोशनी के साथ चमकते थे। कई ने कहा कि वे चीखने जैसी आवाजें सुन रहे हैं, कभी-कभी अजय की तरह लगने वाली आवाज भी। लेकिन कोई भी पास जाकर देखने की हिम्मत नहीं करता।
पुलिस जांच और संदिग्ध गतिविधियाँ
पुलिस की जांच भी रहस्यमय थी—किसी भी सुराग का पता नहीं चल सका। संदिग्ध गतिविधियाँ केवल बढ़ती रहीं। गांव के लोगों ने कुछ युवकों को भी देखा जो रहस्यमय समारोहों में जुटे थे, अजीब चीज़ें कह रहे थे, और काली किताब के पन्नों पर कुछ गुप्त संकेत लिख रहे थे।
अंतिम सवाल और अधूरी कहानी
क्या सचमुच अजय ने किसी काले जादू के जाल में फंस कर अपनी जान गंवा दी? या वह अब भी कहीं उस रहस्यमय दुनिया में कैद है, अपनी आवाज़ को भटकाती हुई? क्या गांव में दफन है कोई पुराना राज़, जो हर बार फिर से किसी की मौत और गायब होने की कहानी सुनाता है?
गांव की वह हवा अब भी गुमसुम है, और अजय की कहानी अभी भी अधूरी। जो भी हो, एक बात पक्की है—कभी-कभी कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें उजागर करना खतरे से कम नहीं। और जो लौट कर नहीं आते, उनकी कहानियाँ हमारे बीच हमेशा के लिए साए की तरह बनी रहती हैं।