
गांव में दफन राज़ एक रहस्यमयी कहानी है जो एक छोटे से गांव की एक पुरानी हवेली और उसमें अचानक गायब हुए युवक अर्जुन के चारों ओर घूमती है। गांव की हवेली को लोग “भूतिया” समझते हैं और मानते हैं कि वहां काला जादू का प्रभाव है। अर्जुन की गुमशुदगी ने गांव वालों के बीच भय और आशंका पैदा कर दी। हवेली के अंदर हुई अजीब घटनाएं जैसे रोशनी का झांकना, दरवाज़ों का अपने-आप चरमरा जाना, और धुंधली तस्वीरें, इस बात को और भी गहरा बनाती हैं।
पुलिस और बुजुर्गों की संयुक्त खोज के दौरान तहखाने के पास खून के निशान मिले, लेकिन वह निशान अचानक गायब हो गए। इसके बाद गांव में अफवाहें फैलनी शुरू हो गईं कि अर्जुन की आत्मा हवेली में भटक रही है। मासूम अंदाज में मिला एक अधूरा नक्शा और उसकी अस्पष्ट लाल स्याही के संकेत रहस्य को और बढ़ा देते हैं।
कहानी कई सवाल छोड़ती है:
- क्या अर्जुन हवेली की गूढ़ शक्तियों का शिकार हुआ?
- क्या वह किसी पंथ या काले जादू के जाल में फंसा?
- क्या हवेली में दफन कोई काला जादू सचमुच मौजूद है?
गांव के लोग आज भी उस भयावह रात की आहट महसूस करते हैं लेकिन हवेली में जाने की हिम्मत किसी में नहीं। यह अनसुलझी घटना गांव के लिए एक ऐसा रहस्य बन गई है, जिसे खोलना अभी बाकी है।
सारांश: यह कहानी अर्जुन नामक युवक की रहस्यमयी गुमशुदगी की है, जो गांव की एक भूतिया हवेली से जुड़ी है। हवेली के बारे में अजीब घटनाएं और काले जादू की अफवाहें इस रहस्य को और गहरा बनाती हैं। गांव वाले आज भी तब की भयावह आवाज़ों और हवेली में छुपे राज़ों को याद करते हैं, जो कभी सुलझ नहीं पाए।