
Summary: यह कहानी एक रहस्यमयी गाँव की है जहाँ एक युवक, अजय, गुम हो जाता है, जिससे वहां के प्राचीन काले जादू और रहस्यों की परतें खुलती हैं। गाँव की पुरानी हवेली ‘काला किला’ के आसपास घटित अजीब घटनाएं और अजय की अनसुलझी गुमशुदगी पूरे गाँव को एक अजीब डर में डुबो देती हैं।
गाँव की धुंधली गलियाँ और अनसुने सच
एक छोटे से गाँव की गलियों में छिपा एक गहरा रहस्य है, जो सदियों से लोगों की जुबां पर नहीं आ पाया। यहाँ हवा भी मानो थम जाती है और वक्त रुक सा जाता है। इस कहानी का केंद्रबिंदु है 24 वर्षीय युवक अजय, जो अचानक गाँव से गायब हो जाता है।
अजय की रहस्यमयी गुमशुदगी
2019 की एक सर्द रात, अजय अपने दोस्तों के साथ जंगल की ओर निकला, पर अगले दिन उसका कोई पता नहीं चला। मोबाइल बंद मिला, सामान अधूरा पड़ा था, और क्षेत्र में अजीब आवाज़ें सुनाई दे रही थीं, जो प्रेतात्माओं और काले जादू की ओर संकेत करती थीं।
काला किला और प्राचीन रहस्य
गाँव में एक पुरानी हवेली ‘काला किला’ के नाम से जानी जाती है, जहाँ एक प्राचीन किताब दफन है, जिसमें काला जादू के रहस्य छिपे हैं। अजय ने अक्सर इस किताब की खोज की बात अपने दोस्तों से छुपाकर शेयर की थी। उसकी बातें गाँव वालों के दिल में डर का बीज बो गईं।
गाँव वाले और हवेली के रहस्य
समय बीतने पर भी अजय का कोई पता नहीं चला और पुलिस मामले को ठंडे बस्ते में डाल चुकी थी। लेकिन गाँव वाले हवेली के पास रात में अजीब रोशनी और बिना वजह के किलकिलाती आवाज़ें सुनते थे। कुछ ने अजय की परछाईं हवेली के दरवाज़े पर देखी, जो किसी समझ से परे थी।
पुरानी मान्यताएं और पंथ का असर
गाँव के बुजुर्गों ने बताया कि जिस दिन अजय गया था, उसी दिन प्राचीन पंथ के अनुयायी काले जादू से हवेली को शापित कर चुके थे। यह श्राप गाँव के हर व्यक्ति के लिए एक साया बन गया।
युवकों की हवेली जांच और रहस्य की गहराई
कुछ युवक, जो अजय के करीब थे, हवेली की जांच करने गए। हवेली के दरवाज़े की चरमराहट और अंदर की धुंधली परछाईं ने उनकी हिम्मत हिला दी। इसके बाद हर शाम गाँव में खौफनाक किलकिलाहट गूंजने लगी।
अंतिम सवाल और रहस्य
- क्या हवेली में अलौकिक शक्तियाँ हैं?
- क्या अजय उस प्राचीन काले जादू की किताब को खोज पाया था?
- क्या वह आज भी उस रहस्यमयी साये के अधीन है?
ये सवाल आज भी अनुत्तरित हैं और उन सभी के लिए रहस्य बने हुए हैं जो इस कहानी की गंभीरता को समझना चाहते हैं।
दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।