
Summary: एक छोटे से गांव में काला जादू और रहस्यमयी हवेली की कहानी, जहां एक युवक के गायब होने के बाद डर और सस्पेंस का माहौल बन गया।
वो जो लौट कर नहीं आया
गहरे अंधेरे में, जब लाखों तारों की चमक भी जमीन पर खौफ के साए नहीं छिपा पाती, तब एक छोटा सा गांव अपनी परछाइयों में कुछ ऐसे राज़ छुपाए बैठा है, जो सदियों से हवा में फुसफुसा रहे हैं। यह कहानी है उस जवान की, जो ‘वापस लौट कर नहीं आया’ और जिसने अपने साथ एक खौफनाक रहस्य भी छुपा लिया।
हवेली और काला जादू
यह सब शुरू हुआ उस बरसात की रात, जब गाँव के कोने पर खड़ी पुरानी हवेली से अजीब सी रोशनी और आवाज़ें आने लगीं। हवा में ठंडक घुल गई, और चारों ओर सन्नाटा छा गया। गांव वाले बातों में धीरे-धीरे फुसफुसाने लगे कि हवेली में काला जादू हो रहा है। कोई चुपचाप अपने खेतों में काम करने लगा, तो कोई घरों में दरवाजे अच्छे से बंद करने लगा।
आदित्य का साहस
उन दिनों, एक नाम मशहूर था – आदित्य। जवान, होशियार और साहसी, जिसने अपनी जिंदगी से बड़े सपने देखे थे। उस शाम वह हवेली के पास से गुजर रहा था, तभी उसे अपनी दोस्त का फोन आया कि वह वहीं मौजूद है और कुछ असामान्य महसूस कर रही है। आदित्य ने बिना किसी संदेह के उसकी मदद के लिए हवेली की ओर कदम बढ़ाया।
रहस्यमयी हवेली का अनुभव
हवेली के दरवाज़े पर कदम रखते ही ठंडी हवा का झोंका जैसे किसी ने सांस रोक ली हो। अंदर का माहौल कुछ अलग था — दीवारों पर पुरानी तस्वीरें, जिनकी आंखें किसी को घूरती हुई लगती थीं। एक पुरानी किताब, जिसकी पन्ने पीले-पीले हो चुके थे, जमीन पर बिखरी पड़ी थी। उसके शब्दों में काला जादू और अकल्पनीय रहस्यों का जाल बंधा हुआ था।
आदित्य की रहस्यमयी गुमशुदगी
आदित्य ने धीरे-धीरे किताब को उठाया, तभी अचानक हवेली के अंदर बिजली चली गई। एक डरावनी चुप्पी ने सब कुछ घेरा। आवाज़ों का एक अजीब कारवाँ जैसे कहीं पर छिपा हो। आदित्य ने महसूस किया कि उसे कोई देख रहा है। पीछा करते हुए, वह एक कमरे तक पहुंचा, जहां एक अंधेरा कोना था, और उस कोने में कुछ छिपा था — एक ऐसा सच जिसने आदित्य की दुनिया ही बदल दी।
आने वाले हफ्तों में आदित्य गायब हो गया। गांव में अफवाहें फैलने लगीं कि उसने काला जादू की सहायता से कुछ खोज लिया, या फिर कोई पंथ उससे जुड़ा था। पर कोई भी सच का पता नहीं लगा सका। हवेली की कहानी और भी भयंकर हो गई, और लोगों ने उसे ‘खूनी हवेली’ का नाम दे दिया। हर रात वहां से अजीब आवाज़ें सुनाई देने लगीं, दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराने लगता, और सन्नाटा गूंज उठता।
गांव के लोगों की चिंता और रहस्य
गांव वाले अब भी उस राज़ को खोलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हवेली में छुपा साया हर बार उनकी उम्मीदों को धता कर देता है।
- क्या आदित्य सच में कहीं बाहर निकला?
- या वह अब भी उस हवेली की परछाई बनकर गांव में घूम रहा है?
- और वह किताब, जिसके पन्नों में काला जादू के संकेत छिपे हैं, क्या वह दरवाजा खोलती है उस दुनिया की, जहां से कोई लौटकर नहीं आता?
अंतिम सवाल
हर किसी के मन में एक ही सवाल है — क्या ये सब सच है या केवल कल्पना की उपज? पर जब शाम ढलती है, और हवेली की परछाइयों के बीच ठंडी हवा बहती है, तो एक गहरा सन्नाटा सारी दास्तां बयाँ कर जाता है। क्या आप तैयार हैं उस रहस्य को जानने के लिए, जिसे गांव में दफन राज़ कहते हैं?
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