
Summary: भीमपुर गांव की प्राचीन हवेली में अर्जुन की रहस्यमय गुमशुदगी की कहानी, जहां काला जादू और पुरानी मान्यताएं एक भयावह सच्चाई की परत खोलती हैं।
गांव में दफन राज़: वो जो लौट कर नहीं आया…
अंधेरा जब अपने सबसे गहरे साये बिछाता है, तब एक छोटे से गांव की धूल भरी गलियां भी कहानियां छिपाने लगती हैं। यह कहानी है एक ऐसे युवक की, जो अचानक गायब हुआ, और जिसके लापता होने के साथ ही गांव के पुराने रहस्यों के पर्दे धीरे-धीरे खुलने लगे।
यह घटना वर्ष 2023 के सर्दियों में हुई, जब ठंडी हवाओं ने पेड़ों की शाखाओं को ऐसे हिला दिया जैसे वे भी कुछ छिपा रहे हों। गांव का नाम था भीमपुर, एक ऐसी जगह जहां लोग परंपरा और अंधविश्वास के बीच जकड़े रहना पसंद करते हैं। भीमपुर की मुख्य सड़कों पर पुराने जर्जर मकान, टूटे फाटक और सूनी गलियां उन कहानियों के गवाह थे जो कभी शब्दों में नहीं आईं।
अर्जुन, गांव का एक युवा, उत्साही और जिज्ञासु जवान था। वह गांव के बाहर स्थित एक प्राचीन हवेली के रहस्यों को जानने के लिए सदैव उत्सुक रहता था। उस हवेली की चट्टानी दीवारों में कुछ ऐसी गूंज थी जो किसी को रातों को सोने नहीं देती थी। कइयों ने कहा था कि वहां काला जादू चलता है, और क्योंकि हवेली कई सालों से वीरान पड़ी थी, बातें और भी ज्यादा डरावनी बन गई थीं।
अर्जुन ने एक दिन निर्णय लिया कि वह उस हवेली का राज़ खोल कर ही रहेगा। उसकी आखिरी शाम थी जब वह परिवार से बिना बताए, चुपचाप उस खंडहर की ओर निकल पड़ा।
हवेली में प्रवेश करते ही कुछ अनहोनी सी चीजें होने लगीं। दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया जैसे किसी ने उसे अपनी ज़ोर से खुलवाया हो। उस दिन, हवेली के चारों ओर घने पेड़ों की छाया भी डरावनी दिख रही थी। अर्जुन सुन सकता था कि उसके कदम की आवाज़ किस प्रकार दीवारों में गूँज रही थी। अचानक, एक पुरानी किताब उसका ध्यान आकर्षित करने लगी – वह किताब जिसकी पीठ पर अजीब सी लकीरें बनी हुई थीं।
किताब के पन्ने उलटते ही वातावरण और भी रहस्यमयी हो गया। हवेली की दीवारों पर अचानक उभरते पुराने चित्र और अनचहे संदेश अर्जुन की धड़कनें बढ़ाने लगे। वह कुछ पढ़ना चाहता था, पर तभी एक धीमी आवाज़ संकेत दे रही थी, जैसे कोई उस पर नजर रख रहा हो।
अगले दिन, अर्जुन का कोई पता नहीं चला। पूरे गांव में अफ़वाहें फैल गईं कि उसने काला जादू के जाल में फंसा लिया है। उसके परिवार वालों की दुआएं और खोजबीन व्यर्थ साबित हो रही थी। इस बीच, हवेली की खिड़कियों से खौफ़नाक चीख़ें सुनाई देने लगीं — जैसे कोई उसकी आत्मा आज भी उस भयानक हवेली में कैद हो।
गांव वालों ने कई पुरानी किताबों और दस्तावेज़ों की तह तक जाकर पता लगाया कि उस हवेली में कई साल पहले एक पंथ चला करता था, जो अंधकारमय शक्तियों का सहारा लेकर लोगों की आत्माएं निगलता था। उनकी मान्यताओं के अनुसार, कोई भी जिसने उस हवेली में प्रवेश किया, कभी लौट कर नहीं आया।
लेकिन क्या सचमुच अर्जुन को कोई अलौकिक शक्ति ले गई? या उसके गायब होने के पीछे कोई और, अधिक मानवतामूलक और भयावह कारण था? क्या यह रहस्य कभी खुल पायेगा? गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि जिसे एक बार उस हवेली का साया छू जाता है, वह पूर्णकालीन रूप से खो जाता है — अंदर छिपा साया किसी को छोड़कर नहीं जाता।
आज भी, जब भी अंधेरा घिरता है, हवेली से आ रही उन गुमसुम आवाजों को सुन कर गांव वाले कांप उठते हैं। अर्जुन की कहानी एक धुंधली स्मृति बन कर रह गई है, और भीमपुर के उन पन्नों में दफन हो गई है जो हम समझ नहीं पाते।
क्या वह वास्तव में वापस आएगा? या सिर्फ एक डरावनी दास्तान रह जाएगा? दरवाज़ा धीमे-धीमे फिर से चरमरा रहा है… और सन्नाटा गूंज उठा।
ऐसी ही रहस्यमयी कहानियों के लिए जुड़े रहिए DEEP DIVES के साथ।