
धुंधली सुबह की पहली किरणें पुराने गाँव की गलियों को धीरे-धीरे जगाने लगी थीं, लेकिन वहाँ अजब सन्नाटा पसरा था। पक्की सड़क के किनारे खड़ी एक टूटी-फूटी हवेली, जिसे लोग खौफ के साथ देखकर अपनी राह बदल लेते थे। हवेली की दीवारों से झांकती हवा में काला साया थरथराता था, जैसे कोई पुराना राज़ इससे बाहर निकलने को बेताब हो। यह कहानी है एक ऐसे युवा की, जो उस हवेली की छाया से कभी वापस नहीं लौटा।
यहाँ से कुछ महीने पहले गांव के एक होशियार लड़के, अर्जुन, की अचानक गुमशुदगी ने पूरे इलाके को दहलाकर रख दिया। वह था एक आम तालाब के किनारे पर खेलता हुआ बच्चा पर उसके भीतर छिपी हुई कोई अनजानी शक्ति शायद उसका पीछा कर रही थी। सबने खोज की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। हवेली के पास मिली उसकी कुछ पड़ी हुई किताबें, जिनमें अजीब-सी पुरानी लिपियां और रहस्यमयी संकेत थे, लोगों के दिलों में भय का बीज बो गए।
कुछ बुजुर्ग बताते हैं कि ये हवेली कभी एक काला जादूगर की रही थी, जिसने कई वर्षों तक गाँव को दुष्टता की लहर से घेर रखा था। पर अब प्रश्न ये था कि क्या अर्जुन की गायब होने में इस काले जादू का कोई हाथ था? गाँव के लोग धीरे-धीरे उन पुरानी कहानियों पर विश्वास करने लगे, क्योंकि हर रात हवेली से आने वाली चीख़ें और अनसुने किंकर्तव्यविमुर्लित शब्द किसी छिपे हुए भय का इशारा देते थे।
तफ्तीश के दौरान, गांव के कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने अर्जुन को अंतिम बार आवारा बिल्लियों की एक अजीब टोली के बीच देखा, जो जैसे कोई गुप्त संदेश बाँट रही हों। उस दिन से अर्जुन का कोई पता नहीं चला। हवेली के अंदर छिपे अंधेरे कोनों से अजीब चमकदार प्रतीक उभरने लगे, जो जैसे किसी गुप्त पंथ के अस्तित्व की ओर संकेत कर रहे हों।
रात को जब गाँव सुस्ता जाता, तब हवेली के चीक-चपक्क की आवाज़ें थमती नहींं। दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा। स्याह अंधेरे में छिपी वे परछाइयाँ, जो आँखों को मूर्ख बनाती हैं, कहीं न कहीं सच के करीब थीं। हर बार कोई अंदर जाकर वापसी का नाम तक नहीं लेता।
गांव में चर्चित एक कथा के अनुसार, जिसकी कोई पुष्टि नहीं, अर्जुन ने अपने गायब होने से पहले एक पुरानी किताब पकड़ी थी, जो किसी अंधकारमय ताकत को बुलाकर उसके जीवन में अंधकार छिड़कती है। क्या वह अपने अंदर छुपे भय से जूझ रहा था? या उस किताब के सहारे वह किसी दूसरी दुनिया से जुड़ना चाहता था? ये सवाल किसी के भी दिमाग में खौफ पैदा करते हैं।
अधूरे सुराग, खुली घटनाएँ और मानस की भयावहता से जकड़ी हुई यह कहानी यहीं समाप्त नहीं होती। गांव के मामलों में छुपे असामान्य घटनाओं के पीछे कभी कभी इंसान की समझ से परे कुछ शक्तियाँ काम कर रही होती हैं। तब तक, हवेली के ताले ज्यों के त्यों हैं, और हवा में अधरों पर अधूरा सा गीत गूंजता रहता है। वह गीत जो एक पुराने काल के रहस्यों को बयां करता है, बिना पूरी कहानी खोले…
क्या सचमुच कोई उस हवेली के भीतर अभी भी जीवित है? या अर्जुन का आत्मा आज भी उस काले जादू की पकड़ से मुक्त होने की जद्दोजहद में है? ये सवाल अनसुलझे हैं। पर एक बात तय है कि गांव में दफन यह राज़ कुछ दिनों के लिए नहीं, सदियों तक कोई जान नहीं पाएगा।
सारांश
गांव में दफन राज़ एक रहस्यमय कहानी है जिसमें एक युवक अर्जुन की अचानक गायबगी और एक पुरानी हवेली में काला जादू की मौजूदगी की चर्चा है। गांव में फैल रही अजीब घटनाएँ और पुरानी हवेली की अनजानी शक्तियाँ इस कथा को और भी भुतहा और डराने वाली बना देती हैं। अज्ञात कारणों से अर्जुन का गायब होना और हवेली से आने वाली अजीब आवाजें गांव के लोगों के मन में भय और रहस्य की भावना को गहरा करती हैं। इस कहानी में ऐसे कई सवाल उठते हैं जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला, और यह रहस्य सदियों तक गांव के भीतर दफन ही रहेगा।