
गाँव में दफन राज़ की यह कहानी एक गुमशुदा युवक, आदित्य, की रहस्यमयी घटना पर आधारित है। एक वीरान और भयावह हवेली के बीच, जहाँ अंधेरा और काला जादू के अंधविश्वासों का बोलबाला है, आदित्य की अचानक गायब होने से पूरा गाँव दहल उठा।
घटना का सिलसिला
आदित्य की गुमशुदगी बिना किसी संघर्ष या चिल्लाहट के हुई, जिससे गाँव के लोग अचंभित रह गए। एक पुराने साधु की चेतावनी के बाद, स्थानीय लोग मानने लगे कि हवेली में एक प्राचीन और भयानक रहस्य दफ़न है जो कई जिंदगियों को निगल चुका है।
रहस्यमयी घटनाएं
गाँव के बाहर झाड़ी की गड्ढी से अजीब आवाजें और हवेली की खिड़कियों में फुसफुसाते परछाइयाँ देखी जाने लगीं। पुलिस की कई खोजबीन के बावजूद आदित्य का कोई सुराग नहीं मिला। गुरुद्वारे के सामने जमीन में भी अजीब निशान महसूस किए गए जो कई दिनों तक झिलमिलाते रहे।
गाँव के लोगों की प्रतिक्रिया
आदित्य की माँ की आंखों में निराशा और डर दोनों झलकने लगे। गाँव में भय और सवालों का अंधेरा फैल गया। कुछ ग्रामीणों का मानना था कि आदित्य की आत्मा अभी भी हवेली की दीवारों के अंदर भटक रही है।
सारांश
यह कहानी रहस्य, अंधविश्वास और डर का सम्मिश्रण है, जो बताती है कि कैसे एक युवक की गुमशुदगी पूरे गाँव को प्रभावित कर सकती है। इस घटना के पीछे का सच अभी तक अनजाना है, और काला जादू की छाया में जब भी सवाल उठते हैं, जवाब की तलाश में एक नया रहस्य जन्म लेता है।
अंत में, हवेली का दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमरा उठा, और सन्नाटा छा गया, मानो कोई नया अध्याय शुरू होने वाला हो।