
गांव में दफन राज़: यह कहानी बीकानेर के एक सुनसान गांव की है, जहाँ एक युवक अमित की रहस्यमय गायबी ने गांव के वातावरण में डर और संदेह के साए फैला दिए। अमित की आखिरी बार एक प्राचीन पेड़ के नीचे देखी गई थी, जहाँ कहा जाता है कि काले जादू और दुष्ट शक्तियाँ वास करती हैं।
अमित की रहस्यमय गायबी
अमित की अचानक गायबी ने गांव वालों को भयभीत कर दिया। गांव की बुजुर्गों की कहानियों में वह पेड़ काले जादू से जुड़ा था, जिसे अमित ने कभी गंभीरता से नहीं लिया था। गायब होने के बाद, उसकी तलाश के दौरान वहां से केवल पुरानी चमगादड़ की हड्डियाँ मिलीं, जिसके आस-पास अजीब फुसफुसाहटें और चिल्लाहटें सुनाई देती थीं।
रहस्यमयी बूढ़ी महिला का कथन
गांव की एक रहस्यमयी बूढ़ी महिला, जिसे चुड़ैल कहा जाता था, ने बताया कि अमित के गायब होने में काला जादू शामिल है। वह महिला गांव के पुराने मंदिर के पास रहती थी जहाँ संदिग्ध गतिविधियाँ होती रहती थीं। उसकी बातें अधिकांश लोगों को पागलपन लगती थीं, लेकिन उस क्षेत्र में अदृश्य शक्तियाँ सक्रिय होने का भय भी था।
पुलिस जांच और अंधविश्वास
पुलिस की जांच के बाद भी अमित के गायब होने के पीछे कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आ सके। गांव में अफवाहें फैल गईं कि अमित ने किसी पंथ के सदस्यों के विरोध के कारण भागने का फैसला किया था, जबकि कुछ लोग इसे काले जादू और अंधविश्वास की राजनीति मानते थे।
पांच महीने बाद की खोज
पांच महीने बाद गांव के पास जंगलों में अजीब निशान पाए गए, जिनके बीच से खून की बू आ रही थी लेकिन कोई शव नहीं मिला। यह घटनाएं गांव में डर और आतंक का माहौल बनाती रहीं और लोगों के दिलों में यह डर बैठ गया कि अमित की आत्मा आज भी उन भूमिगत सुरंगों में भटक रही है।
गांव की लोककथाओं में अमित का स्थान
अमित की कहानी आज भी गांव की कहानियों में जीवित है। लोग उस प्राचीन पेड़ के पास जाने से डरते हैं, वहाँ लाल रंग की रोशनी और छायाएँ देखी जाती हैं, जो न प्राकृतिक हैं और न मानवीय। यह सवाल आज भी अनसुलझा है कि यह क्या काला जादू था या कोई अन्य रहस्य।
सारांश
अमित की रहस्यमय गायबी गांव में भय, संदेह और अंधविश्वास को जन्म देती है। उसकी कहानी काले जादू, चुड़ैलों और पुरानी लोककथाओं के साथ उलझी हुई है। पुलिस जांच के बाद भी सच सामने नहीं आ सका और गाँव में अजीब घटनाएं लगातार हो रही हैं। यह रहस्य आज भी गांव के लोगों के लिए एक अनसुलझा पहेली बना हुआ है।