
Summary: एक गांव में गुम हुए युवक की कहानी, जहां काला जादू और पुरानी मान्यताएं रहस्यों को जन्म देती हैं।
गांव में दफन राज़: वो जो लौट कर नहीं आया
कहानी शुरू होती है एक छोटे से, दूर-दराज़ गांव में, जहां धूल से भरे रास्तों के बीच दर्दनाक खामोशी बसी थी। वहीं, एक युवा युवक, समीर, अचानक गायब हो गया। उसकी गायब होने की रात से पहले गांव में अजीब-अजीब चीजें देखने को मिलीं — जैसे पेड़ की शाखाएं अजीब ढंग से हिल रही थीं, हवा में एक ठंडी सिहरन थी जो हड्डियों तक पहुंच जाती थी।
समीर के माता-पिता ने गांव के बुजुर्गों से सहायता मांगी, लेकिन गांव के लोग अपनी परंपराओं और मान्यताओं में इतने डूबे थे कि वे उजागर सच को छुपाने की कोशिश कर रहे थे। गांव के माध्यम से फैल रही अफवाहें बताती थीं कि समीर ने काला जादू की पुरानी किताब को छू लिया था, जिसे गांव के बुजुर्गों ने दशकों से छुपाए रखा था।
एक रात, गांव के मंदिर के पास से अजीब सी तान और चलती हुई मर्करी जैसी रोशनी बाहर आयी, जिसे देखकर कुछ लोग डर गए। उस घटना के बाद, समीर के विषय में कोई सुराग नहीं मिला। कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने जंगल में उसकी आवाजें सुनी हैं, वो भी ऐसे स्वर में जो असाधारण थे — मानो किसी दूसरी दुनिया से आ रही हो।
पुलिस की जांच भी रहस्यों को बढ़ा गई। समीर के कमरे में लगे पुराने दर्पण से एक रहस्यमय छाया झलकती थी, जो किसी मनुष्य की छवि नहीं लग रही थी। जांच में एक अज्ञात वस्तु मिली, शक के घेरे में – एक छोटी सी मूर्ति जिस पर अज्ञात एनग्रेविंग्स बनी हुई थीं। इस मूर्ति के पीछे के रहस्य को कोई समझ नहीं पाया।
धीरे-धीरे गांव में डर का माहौल फैलने लगा। कुछ लोगों ने दावा किया कि समीर की आत्मा अब गांव में भटक रही है, और उसके लौटने की प्रतीक्षा कर रही है। लेकिन क्या ये आत्मा उसकी है या उस नीलगिरी की पुरानी शक्तियों की जो गांव के नीचे दफ़न हैं?
रहस्य और शक के बीच, एक सवाल हमेशा गांव के लोगों के मन में गूंजता है —
- क्या समीर सच में गायब हो गया?
- या उसने अपने गायब होने के पीछे कोई गहरा काला जादू किया है?
- क्या वह वापस आएगा, या फिर वह साया जो गांव में छिपा है, उसे हमेशा के लिए निगल जाएगा?
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।