
सन्नाटे की चीरती ठंडी हवा जब उस पुराने गाँव की गलियों से गुज़रती है, तो ऐसा लगता है मानो किसी गहरे, अज्ञात भय की गूँज आसपास हवा में घुली हो। वे पेड़, जो सदियों से खड़े हैं, अचानक जीवंत प्रतीत होने लगते हैं, मानो उनके गिरते पत्ते किसी पुरानी अनसुलझी कहानी के पन्नों को खोल रहे हों। यहीं कहीं, उस छोटे से गाँव के कोने में छिपा है वह क़िस्सा — जो कभी किसी ने खुलकर बताने का साहस नहीं किया, और जिसे आज भी हवा में तैरते फुसफुसाते शब्दों से महसूस किया जाता है।
बात कुछ वर्षों पहले की है, जब गाँव के एक युवक की मौत ने पूरे इलाके में आतंक फैला दिया था। यह कोई सामान्य मौत नहीं थी — बल्कि एक रहस्यमयी घटना, जिसमें हत्या के साथ काला जादू और अंधी मान्यताओं की गुत्थी उलझी हुई थी। उस युवक का नाम था विशाल, जो अपने खुले दिल और सच्चे इरादों के लिए पहचाना जाता था, लेकिन धीरे-धीरे गाँव में उसकी मौजूदगी पर अजीब तरह की शक की परतें चढ़ने लगीं।
कहते हैं, विशाल ने एक पुरानी हवेली से जुड़ी एक ऐसी जादुई किताब देख ली थी, जिसे लेकर गाँव में कई तरह की अफवाहें उड़ रहीं थीं। कुछ लोग कहते थे कि वह किताब उन प्राचीन मंत्रों से भरी थी, जो किसी को भी मरा-मरा जिंदा बना सकते थे या किसी की आत्मा को उसके शरीरिक क़ब्र से बाहर निकाल सकते थे। पर जैसे ही विशाल पर इस रहस्यमयी किताब का प्रभाव बढ़ने लगा, लोग उसके व्यवहार में बदलाव महसूस करने लगे। उसका चेहरा कभी-कभी बिला वजह रंग बदलता, और उसकी आँखों में एक अनजाना साया उतर आता।
एक रात, जब चाँद टूटे फूल की तरह आधा डूबा था, विशाल अचानक गायब हो गया। पूरा गाँव छानबीन में जुट गया, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। अगले दिनों, हवेली के पास से रहस्यमयी धुएँ के निशान और अजीबोगरीब कैरियर्स मिले — जिनके बारे में कहा गया कि वे काला जादू के कर्मकाण्ड के अवशेष थे। तो वहीं, विशाल की मौत भी बिना किसी स्पष्ट कारण के एक रहस्य बनकर रह गई।
जांच के दौरान मिले सुराग इतने उलझे थे कि हर कोई भ्रम की जाल में फंसता चला गया। स्थानीय पुलिस ने कई साक्ष्य जमा किए, पर वे सब एक अनजान डर और छुपे हुए संकेतों के बीच अधूरे रह गए। लोगों ने हवेली के बाहर रात को कुछ आवाजें सुनीं, मानो किसी का रोना हो या फिर कोई दबा हुआ चीख — पर जब कोई अंदर गया, तो भयानक सन्नाटा पसरा मिला।
कहते हैं, गांव के बुजुर्गों ने तो यहां तक कहा कि हवेली में विशाल की आत्मा भटक रही है, जिसे काला जादू ने इस दुनिया में जकड़ रखा है। कुछ की मानना है कि वहां छुपा एक गुप्त पंथ, जो उस किताब की शक्ति को नियंत्रित करता था, और जो अपनी छाया में बड़े खतरों को पनाह देता है। बड़े-बड़े सवाल और शक तब और घने हो गए जब कुछ युवाओं ने बताया कि उन्होंने भूतपूर्व विशाल को गाँव की गलियों में टहलते देखा है, पर जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा, तो वह कोहरा बन चुका था।
यह कहानी आज भी खत्म नहीं हुई है। विशाल की मौत और उस जादुई किताब का रहस्य उस गलियों के फुसफुसाते साए की तरह गूंजता रहता है — जो हर रात गांव के लोगों के सपनों में एक नया मोड़ ले आता है।
सारांश
यह कहानी एक छोटे से गाँव में हुई युवक विशाल के रहस्यमयी मौत की है, जिसमें पता चलता है कि उसकी मृत्यु के पीछे काला जादू और एक पुरानी हवेली से जुड़ा रहस्यमय पंथ था। विशाल द्वारा प्राप्त एक जादुई किताब के कारण उसकी मंशा और व्यवहार में बदलाव आया, जिसके बाद वह अचानक गायब और फिर मृत पाया गया। स्थानीय लोगों और पुलिस दोनों ही इस मामले की गुत्थी नहीं सुलझा पाए, और कहा जाता है कि विशाल की आत्मा आज भी हवेली और गाँव की गलियों में भटकती है।
क्या सचमुच कोई काला जादू था? क्या विशाल ने जानबूझकर अपनी मृत्यु को छुपाया? या यह सब किसी षड्यंत्र की शुरुआत है? यह सवाल आज भी अनुत्तरित हैं और कहानी अपनी रहस्यमयी छाया में बनी हुई है।
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