
Summary: एक सुनसान गांव की पुरानी हवेली में छिपा हुआ एक रहस्य वर्षों से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। राहुल, जो एक युवा पत्रकार है, उस हवेली में घुसने की कोशिश करता है, लेकिन वह जल्द ही एक ऐसा स्याह साया बन जाता है जो कभी लौटकर नहीं आता। गांव के बुजुर्गों की कहानियों से इस हवेली की भयावहता और रहस्यमयता उजागर होती है, जो एक दफ़न राज़ बनी हुई है।
गांव की पुरानी हवेली और उसका रहस्य
साढ़े दस बजे की घड़ी कड़क रही थी, और बूढ़े पेड़ों की छांव में छुपी वह हवेली, जो वर्षों से गांव वालों के लिए एक पहेली बनी हुई थी, अपने रहस्यों को अनजाने पर्दों में छिपाए बैठी थी। हर रात जब गांव की हवाएं तेज़ होकर कराहने लगतीं, तो हवेली की टूटी-फूटी खिड़कियां अतीत की चीख़ जैसी लगतीं।
राहुल और उसकी जिज्ञासा
राहुल, जो हाल ही में शहर से गांव आया था, उस हवेली के रहस्यों को जानने की ठानी। उसने सुना था कि हवेली में काला जादू और पंथ के घनघोर प्रभाव हैं, और वहाँ पहले एक परिवार अचानक गायब हो गया था। राहुल ने अपनी पत्रकारिता की लगन से उस रहस्य का पर्दाफाश करने का फैसला किया।
हवेली के अंदर का अनुभव
- हवेली की बीमार दीवारों पर गूढ़ निशान जो गायब होने वालों के नाम जैसे प्रतीत होते हैं।
- अंधकार और रहस्यमय चित्र जो हवेली की जीवंतता का अहसास कराते हैं।
- हवेली के अंदर एक अनदेखा साया जो राहुल का पीछा कर रहा था।
- एक पुराना पन्ना, जिसमें जादुई प्रतीक और अधूरी रहस्यमयी लिपियाँ थीं।
विकार और रहस्य की दहशत
राहुल के कदम जैसे-जैसे अंदर बढ़े, वह महसूस करने लगा कि हवेली की दीवारें उसे अपने अंदर समेटने की कोशिश कर रही हैं। अचानक दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया और फिजा में सन्नाटा छा गया, जो उस भयावह अनुभव को और गहरा कर गया।
क्या होगा राहुल का अगला कदम?
क्या राहुल उस रहस्यमयी हवेली की गुत्थी सुलझा पाएगा या वह भी उन लोगों की तरह गायब होकर दफ़न राज़ का हिस्सा बन जाएगा जो कभी लौटकर नहीं आते? गांव के लोग आज भी रात की सन्नाटे में उन आवाज़ों को सुनते हैं, जो उस साये की कहानी कहते हैं।
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