
Summary: एक पुराने गांव में लापता युवक के वापस आने के बाद घटित रहस्यमयी और डरावनी घटनाओं की सच्ची कहानी जो काला जादू और आत्माओं से जुड़ी है।
गांव की भयंकर धूप और साया घर की सन्नाटा
दोपहर का सूरज अपनी गर्म तीज़ी से गाँव के सूने रास्तों पर सितम ढा रहा था, और पुरानी हवेली की ऊँची दीवारें जैसे किसी भयंकर रहस्य की कहानी सुना रही हों। वह हवेली, जिसे गाँव वाले ‘साया घर’ के नाम से जानते थे, दशकों से वीरान पड़ी थी। लेकिन इस बार कुछ अजीब सी घटनाएं हो रही थीं, जो उस खामोशी को खरीदना असंभव बना रही थीं।
इकराम का रहस्यमयी वापस आना
गांव के सबसे पुराने और बूढ़े काजी का बेटा, इकराम, जो पिछले दो सप्ताह से लापता था, अचानक फिर से दिखाई दिया। मगर बदलाव इतना गहरा था कि लोग उसे पहचानने से कतरा रहे थे। उसकी आंखों में वह वही भटकाव था, जो मौत के बाद भी कुछ छिपा लेने वाले चेहरे पर होता है। इकराम के गायब होने से पहले के दिन और लौटने के बाद की घटनाएं, दोनों ही रहस्य के पर्दे में कई परतें खोलती हैं।
साया घर का प्राचीन पंथ और पुस्तक
जब वह गायब हुआ, तब गाँव के बुजुर्ग एक पुराने पंथ की बात कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि ‘साया घर’ की तहखाने में एक प्राचीन पुस्तक दबा है – एक ऐसी किताब जो मौत और जीवन की सीमाओं को धुंधला कर देती है। किताब किसी भी आत्मा को पुनः इस धरती पर भेज सकती थी, किंतु एक भारी कीमत पर। कुछ तो इस किताब के प्रयोग में लग गये, और अंधेरा उस हवेली में कुछ कम नहीं हुआ।
इकराम का अजीब व्यवहार और गाँव की बातें
इकराम के अचानक लौटने के बाद, उसके व्यवहार में एक तरह की जादुई और मनोवैज्ञानिक उलझन जाहीर हो रही थी। देर रातों में वह जमीन की गंध खोदता, कब्रों की तरह सूने मैदान की ओर आंखें गड़ाए रहता। गाँव के बच्चे कहते थे, ‘‘उसकी आवाज में अब कुछ और ही गूंज है, जैसे वह किसी दूसरी दुनिया से आ रहा हो।’’
रहस्यमयी घटनाएं और चेतावनियां
एक रात, जब पूरा गाँव गहरी नींद में था, एक तेज़ हवा ने हवेली के झरोखों से कुछ कागज़ फेंके। इकराम के कमरे की दीवार पर कुछ अजीब निशान उभर आए थे, जो किसी काला जादू के सिलसिले की गवाही देते थे। बच्ची ज़ारा, जिसने पहले कभी सचेत होना सीखा था, पहले ही दिन उस ‘साया घर’ के सामने सहमे हुए खड़ी थी, तभी उसे कहीं से धीमे-धीमे फुसफुसाहट सुनाई दी: ‘‘वापस जाओ, तुम नहीं जानते जो यहाँ दफन है।’’
गांव में बढ़ती अनहोनी और सवाल
आख़िरी हफ्तों में, इकराम की भाषा में ऐसा बदलाव आया कि किसी ने उसे भटकते हुए देखा, किसी ने उसे अकेले में किसी के साथ बातें करते हुए सुना। लोग कहते हैं, ‘‘गायब और रहस्यमयी जैसी चीजें, लापता आत्माओं की दहशत भरी आवाज़ें, और काला जादू के गुह्य संकेत इस गांव को घेर चुके हैं।’’
अंधकार और अनसुलझा रहस्य
पर यह सब क्या सच था या एक गहरे दिमागी खेल का हिस्सा? क्या वह वापस लौटने वाला सच था, या मौत से खिलाड़ी किसी ने उसे हमेशा के लिए कहीं दफन कर दिया? हवेली की खिड़की में रात की चादर जैसे मुस्कुराती नजर आती है, और गाँव में एक गहरी सन्नाटा गूंजता रहता है, जो कहीं छिपे उस भयावह राज की पुकार लगता है।
दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा।
अभी तक हो रही घटनाएं एक पक्के संकेत की तरह दिखती हैं कि हम केवल सतह को छू रहे थे, और हकीकत कहीं गहरी और काली है। उस साये के नीचे क्या सच में कोई आत्मा दबी है, या हम सब उसी भ्रम के शिकार हैं जो हमारी हकीकत में एक भयावह छाया की तरह घूम रही है?
क्या इकराम सच में वापस आया है या फिर किसी रहस्यमयी ताकत का धोखा? इस गाँव के सूने रास्ते और खाली हवेली की खिड़कियों के पीछे छिपा वह राज़ अभी तक अर्ध-संकट में है। शायद कभी कोई इसका जवाब दे पाए।
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