
एक छोटे से जंगल में दबा हुआ राज़: यह कहानी एक छोटे से हिमाच्छादित गांव की है, जहाँ एक युवक रमेश के अचानक गायब होने के बाद रहस्यमयी घटनाओं ने जन्म लिया। शुरुआत में सामान्य समझी गई गायबगीरी धीरे-धीरे एक भयावह काले जादू में बदल गई, जो गांव की सदियों पुरानी काली विरासत से जुड़ी थी।
रहस्य की शुरुआत
रमेश का गायब होना गांव में सन्नाटा छोड़ गया और उसके बाद से ही मंदिर से अजीब आवाजें और साये दिखने लगे। कई युवा भी इसी रहस्य में फंसने लगे, जिससे गांव में डर का माहौल बन गया। बुजुर्गों की कथाओं के अनुसार पंद्रह साल पहले, एक काले जादू का पंथ गांव में प्रवेश कर चुका था।
पुरानी किताब और ‘परकाया प्रेत’ की कहानी
गांव के मंदिर के तहखाने में मिली एक पुरानी किताब से इस रहस्य की गुत्थी सुलझने लगी। शोधकर्ता अजय ने पाया कि किताब में ‘परकाया प्रेत’ की विस्तृत जानकारी थी, जो आत्मा को अनचाहे आयामों में भेज सकता है। यह प्रक्रिया अक्सर भयावह रूप लेकर गांव को अपनी गिरफ्त में ले लेती है।
शोध और गांव के सदस्यों के अनुभव
- अजय ने कई गांववालों से बातचीत की जो पंथ और जादू के बारे में जानते थे।
- एक महिला ने बताया, “जो एक बार उस साए से बंध गया, वह फिर कभी लौट कर नहीं आता।“
- गांव की पुरानी हवेली से अजीब आवाजें और मृत पुरुष की परछाई रात में दिखाई देती थी।
डर, शक और पुलिस जांच
डर और शंका के बीच पुलिस ने भी जांच शुरू की, लेकिन अनसुलझे सुराग और ग्रामीणों की अनजाने मदद की कमी ने मामले को और पेचीदा बना दिया। कोई भी ठोस निशान नहीं मिला, और गायबगीरी एक फैलता हुआ काला साया बन गई।
अजाने सवाल और बढ़ती गुत्थियां
अभी कई सवाल खुले हुए हैं:
- क्या गायब लोग वास्तव में इस काले साये के शिकार हैं?
- पुरानी किताब के अंतिम पन्ने में क्या लिखा था?
- वह रहस्यमयी परछाई आखिर कहाँ जाती है?
- क्या कोई इस जादू के चक्र से बाहर निकल पाया है?
कहानी के अंत में, गांव के आसमान में एक अजीब सी चमक दिखती है, जो इस साये के लौटने या एक नई शुरुआत का संकेत हो सकती है। यह रहस्यमयी साया अभी भी हमारे बीच मौजूद है और इतिहास की परतें धीरे-धीरे इसका सच उजागर कर रही हैं।
संक्षेप में: यह कहानी एक गांव में छुपे काले जादू और रहस्यमयी गायबगीरी के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां अतीत का काला साया अभी भी उपस्थित होकर डर और शक को जन्म देता है। यह कहानी मानव भय, अनजाने का रहस्य और रहस्यमय घटनाओं की एक जीवंत गूँज है।