
Summary: यह कहानी एक गाँव की पुरानी हवेली में गायब हुए मनोज की है, जिसमें काले जादू, रहस्यमय गतिविधियाँ और अनसुलझे प्रश्न छुपे हुए हैं।
गांव की पुरानी हवेली और मनोज की गुमशुदगी
अंधेरा धीरे-धीरे गाँव के हर घर को अपनी चादर में लपेट रहा था। इस पुराने, जर्जर गाँव की गलियाँ ऐसा प्रतीत होती थीं जैसे कोई गहरा रहस्य छुपा हो। गाँव के बीच खड़ी एक पुरानी हवेली, जिसकी टूटी-फूटी खिड़कियों से अजीब आवाजें आती थीं, कई भयावह यादों को छुपाए हुए थी।
यह कहानी है मनोज की, जो एक महीने पहले इस गाँव में आया था — कुछ खोजने और समझने के लिए। लेकिन वह वापस नहीं लौटा। उसकी गुमशुदगी के पीछे कई अफवाहें उड़ीं। कुछ लोग मानते थे कि मनोज ने गाँव के प्राचीन काले जादू से छेड़छाड़ की, जबकि अन्य का कहना था कि वह उस हवेली में दफ़न अंधेरी परंपराओं का शिकार हो गया।
रहस्यमय गतिविधियाँ और हवेली के अजीब दृश्य
तीसरी रात जब चाँद पूरी तरह से छिपा हुआ था, गाँव के बुजुर्गों ने हवेली के आसपास अजीबोकरीब आवाज़ें सुनीं। फुसफुसाहटें, धीमी आवाजें जैसे आत्माएँ मन्नतें मांग रही हों, हवाओं में घुल रही थीं। अचानक एक दरवाज़ा चरमरा कर खुल गया, लेकिन मनोज का कोई पता नहीं चला। हवेली के अंदर से कभी-कभार पन्नों के फड़फड़ाने की आवाज़ें आती रहीं।
कई पड़ोसी बताते हैं कि मनोज एक रहस्यमयी किताब की तलाश में था — एक ऐसी किताब जिसकी चर्चा पुरानी डायरी में थी, जो काले जादू और बुरी आत्माओं के बीच का पुल थी। लेकिन सवाल यह था कि वह किताब जानने लायक थी या कोई खतरनाक राज़ थी जो उजागर नहीं होनी थी।
हवेली की जांच और रहस्य के संकेत
पुलिस ने जांच की तो हवेली में एक पुरानी गंध थी, जैसे सूखे पत्तों की भीषण तन्हाई। वहाँ जली हुई मोमबत्तियाँ, अजीब मूरतें, और जमीन पर बने चिह्न मिले। दीवारों पर खोदी गईं पंक्तियाँ थीं: “अंदर छुपा साया है, जो लौट कर नहीं आता…” ये सब संकेत थे कि मनोज गहरे रहस्य में फंसा हुआ था।
गाँव की मान्यताएँ और अनसुलझा सच
गांव वाले कई कहानियाँ बनाते हैं। कुछ का मानना था कि मनोज हवेली के उजाड़ कमरे में फंसा हुआ है, जबकि कुछ के अनुसार काला जादू उसे निगल गया। पर आज तक कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला कि वह मरा है।
रात के उस रहस्यमय वक्त में जब हवेली की दीवारें हिलती थीं, इंसानी समझ सीमाओं से परे चली जाती थी। मनोज की कहानी केवल गायब होने की नहीं, बल्कि एक ऐसे अधखुले सच की दर्पण बनी जहाँ भय और रहस्य ने मिलकर धुंध बनाई जो अब तक टूटी नहीं।
अन्तिम प्रश्न
आज भी एक सवाल हवा में तैरता है: क्या मनोज सच में लौट कर नहीं आया, या वह हवेली के अंदर किसी अलौकिक जाल में फंसा है, जिसे कोई भी इंसान देख नहीं सकता?