
तिरुपति पुलिस ने ड्रोन तकनीक का उपयोग कर अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हाल ही में, ड्रोन फुटेज के सहारे चार युवकों को गांजा पीते हुए गिरफ्तार किया गया, जो इस तकनीक की सफलता का उदाहरण है।
ड्रोन द्वारा अपराध नियंत्रण के प्रमुख पहलू
- पुलिस ने 94 बार ड्रोन के माध्यम से संदिग्ध एवं निर्जन क्षेत्रों की निगरानी की।
- इस अभियान के दौरान 18 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया।
- कई गांजा विक्रय के हॉटस्पॉट्स की पहचान हुई।
ड्रोन की रीयल-टाइम जानकारी ने तिरुपति में आपराधिक घटनाओं की संख्या में कमी लाने में अहम भूमिका निभाई है। अधिकारियों का मानना है कि कोर्ट-कचहरी से पहले ही ऐसे मामलों का निपटारा करना संभव हो पाया है, जिससे पुलिस की कार्यकुशलता में वृद्धि हुई है।
ड्रोन की निगरानी क्षमता और भविष्य
ड्रोन ने पुलिस की निगरानी क्षमता को काफी बढ़ा दिया है, जो आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह रणनीति न केवल पुलिस कार्य में नवीनता लेकर आई है, बल्कि अपराध नियंत्रण में भी सुधार का आधार बनी है। विशेष रूप से पर्यटन स्थल और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से नजर रखी जा रही है।
यह तकनीक भविष्य में अपराध नियंत्रण का एक महत्वपूर्ण साधन बनेगी और तिरुपति पुलिस की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा स्वरूप हो सकती है।
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