
नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने दिल्ली हाई कोर्ट में ‘उदयपुर फ़ाइल्स’ फिल्म को लेकर महत्वपूर्ण बयान जारी किया है।
CBFC ने बताया है कि उन्होंने फिल्म की 55 हिस्सों को हटाने और संशोधित करने का निर्देश दिया है, जिससे उन्होंने अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभाया है। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया कि यह फिल्म किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह एक अपराध आधारित कहानी पर आधारित है।
फिल्म से जुड़े विवाद के बीच CBFC ने यह भी कहा कि उनकी कार्रवाई फिल्म की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए की गई है। सेंसरिंग प्रक्रिया में विवादित हिस्सों को हटाकर उन्होंने समाज में असामंजस्य फैलने से बचाने की कोशिश की है।
कोर्ट में CBFC का यह जवाब फिल्म और इसके कथित विवाद को लेकर जारी बहस में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले की सुनवाई अभी जारी है और फिल्म के रिलीज़ को लेकर दर्शकों में काफी उत्सुकता है।
मुख्य बिंदु:
- CBFC ने फिल्म के 55 हिस्सों को हटाने और संशोधित करने का निर्देश दिया।
- फिल्म का उद्देश्य अपराध आधारित कहानी बताना है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ जाना।
- संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सेंसरिंग की गई।
- फिल्म के विवादित हिस्सों को हटाकर समाज में असामंजस्य फैलने से बचाया गया।
- कोर्ट में CBFC का बयान इस मामले की कानूनी बहस में अहम है।
इस मामले के आगे के विकास के लिए बने रहें; हमें नवीनतम अपडेट्स के लिए देखना जारी रखें।