
दिल्ली में 2012 के नीरभया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के विषय में कई उम्मीदें जगी थीं, लेकिन 2024 में भी इस क्षेत्र में कोई विशेष सुधार नहीं दिखाई दे रहा है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों का बढ़ता ग्राफ
सरकारी रिपोर्ट और आंकड़ों के अनुसार, निम्नलिखित अपराधों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है:
- रेप
- घरेलू हिंसा
- छेड़छाड़
नीरभया कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसके बाद कई सख्त कानून बनाए गए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की जोरदार मांग उठी।
कानूनी और सामाजिक बदलाव की आवश्यकता
हालांकि कानून बने और सुरक्षा कड़ी करने की कोशिश हुई, लेकिन इनका प्रभाव जमीन पर सीमित ही रहा है। इसलिए, महिला सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातें जरूरी हैं:
- पुलिस और प्रशासन द्वारा कड़ी और त्वरित कार्रवाई
- समाज में महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव
- हर महिला को सुरक्षित महसूस कराना
- अत्याचारों पर सख्त से सख्त कदम उठाना
समाज में जागरूकता और सहयोग का महत्व
महिला सुरक्षा केवल कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक बदलाव भी है। इसके लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। सही दिशा में किए गए प्रयास ही स्थायी बदलाव ला सकते हैं।
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