
दिल्ली में 2012 के निर्भया कांड के बाद भी महिलाओं की सुरक्षा में जमीनी स्तर पर बहुत कम बदलाव दिखा है। इस दुखद घटना ने देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को उजागर किया, लेकिन आज महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
सोशल मीडिया और पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और रेप जैसी घटनाएं आम होती जा रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- केवल कानून कड़क होने से स्थिति में सुधार नहीं होगा।
- समाज में महिलाओं के प्रति सोच और सम्मान में बदलाव लाना भी जरूरी है।
महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी और सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियां बनती जा रही हैं। इन सभी कारणों से भारत में महिलाओं की सुरक्षा अभी भी गंभीर चुनौती बनी हुई है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सचेत रहना और जागरूकता फैलाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
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