
पटना में बढ़ते अपराधों के सवाल ने पूरी बिहार सरकार की साख पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। हाल ही में पटना के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या की घटना ने न केवल प्रांतीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता की लहर पैदा की है। इस दर्दनाक वारदात ने समाज में असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है, जिससे आम जनता में भय का माहौल बन गया है।
बिहार पुलिस ने रविवार को इस हत्या में शामिल गैंग को गिरफ्तार करने का दावा किया है, हालांकि लोगों में अभी भी चिंता का स्तर उच्च बना हुआ है। इस घटना को लेकर राजनीति में भी काफी हंगामा मचा हुआ है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनडीए सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने बिहार को ‘भारत की अपराध राजधानी’ बना दिया है। उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा को निशाना बनाया है। राहुल गांधी का कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वे इस मुद्दे पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। राजनीतिक पार्टियाँ अब इस घटना को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती नजर आ रही हैं।
आगे की जरूरतें
बिहार सरकार पर आवश्यक है कि वह:
- कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए और अपराध को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए।
- न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ कर अपराधियों को सजा दिलाए।
- अमूमन जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
- पुलिस बल की सक्रियता और क्षमता में सुधार करे।
प्रदेश की प्रतिष्ठा और लोगों की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि कानून व्यवस्था को पहले से कहीं अधिक मजबूत किया जाए ताकि बिहार फिर से एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित प्रदेश के रूप में उभरे।