17 अप्रैल 2025 को यमन के होदैदा के रास ईसा बंदरगाह पर अमेरिकी सेना के हमले ने पूरे इलाके में भारी तबाही मचाई। इस हमले में दर्जनों नागरिक घायल हुए और बंदरगाह की महत्वपूर्ण ढांचागत संरचनाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं।
इस घटना से यमन में मानवाधिकार समूहों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गहरा आक्रोश व्याप्त है। माना जा रहा है कि इस हमले को युद्ध अपराध माना जा सकता है क्योंकि यह सीधे नागरिक क्षेत्रों और महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधनों को निशाना बनाता है।
होदैदा रास ईसा बंदरगाह यमन की अर्थव्यवस्था और राहत कार्यों की रीढ़ है, जो हजारों लोगों के जीवन पर असर डालता है। इस हमले से स्थानीय आबादी के संघर्ष और बढ़ गए हैं और क्षेत्रीय स्थिरता को भी गंभीर खतरा पैदा हुआ है।
विशेषज्ञ इस मामले की जांच के लिए जोर दे रहे हैं ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, अमेरिकी सैन्य संचालन और उसकी वैधता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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