
Summary: पतझड़पुर के एक रहस्यमयी गाँव में गायब हुई युवक राहुल की कहानी, जिसमें काला जादू और पुरानी हवेली के भूले-बिसरे राज़ छुपे हैं।
अनडर छिपा साया: एक रहस्यमयी गाँव की दास्तान
सर्द हवाओं के बीच एक गाँव की दीवारें मानो कुछ छुपाए हुए राज़ थीं — एक ऐसा राज़ जो दशकों से छुपा हुआ था, अब धीरे-धीरे प्रकटन की ओर बढ़ रहा था। यह कहानी है उस दिन की, जब एक युवक अचानक गायब हो गया, और फिर जो हुआ, वह सबके होश उड़ा देने वाला था।
गाँव का नाम पतझड़पुर, एक ऐसा स्थान जहां समय जैसे थमा हुआ था। पुरानी हवेलियों के खिड़कियों से हवा की फुसफुसाहट सुनाई देती, और पेड़ों के साये नीचे छुपे पुराने किस्से हवा में लटकते हुए प्रतीत होते। जब 2019 के नवंबर में राहुल नामक युवक ने वहाँ के जंगल में कदम रखा, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह लौट कर नहीं आएगा।
राहुल एक पत्रकार था, जो असामान्य घटनाओं की तहकीकात करने निकला था। उसकी दिलचस्पी थी उन कहानियों में, जिन पर गाँव वाले भी बात करने से कतराते थे। उसने सुना था कि पतझड़पुर में कई साल पहले एक खूनी हवेली थी, जहाँ से अक्सर अजीब सी रोशनी निकलती और बेहिसाब चीखें सुनाई देती थीं।
जैसे-जैसे राहुल ने अपने पड़ताल को गहरा किया, उसे पता चला कि इस रहस्यमय हवेली में वर्षों पहले कुछ ऐसा हुआ था जिसके बारे में किसी ने कभी सुर्खियां नहीं बनाईं। एक रहस्यमयी हत्या, जिसका सुराग हवेली की पुरानी दरवाज़ों की चरमराहट और टूटे हुए शीशों में बिखरे खून के धब्बे बताते थे।
राहुल की खोज उसे हवेली के भीतर ले गई, जहाँ दीवारों पर पुराने काले जादू के निशान दर्ज थे। हवेली के फर्श पर कई अजीब प्रतीक उकेरे गए थे, जिन्हें देखकर यह लगता था कि यहाँ कोई पंथ चलता था, या कोई गुप्त साधना।
जैसे ही राहुल अंदर गया, वातावरण थम सा गया। दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमराया… और सन्नाटा गूंज उठा। उसकी सांसें तेज हो गईं, और मन एक अनजानी डर की आग में जल उठा। लेकिन यहाँ से सामने किसी के कदमों की आहट ने उसे झकझोरा।
राहुल का आखिरी मैसेज था — “यहाँ कुछ ऐसा है, जो शायद मानव समझ से परे है।” उसके बाद वह हमेशा के लिए खो गया। गाँव वालों ने दावा किया कि हवेली में अब भी उसकी आवाज़ें सुनाई देती हैं, और कुछ ने उसे अजीबो-गरीब आकृतियों के साथ हवेली के चारों ओर घूमते देखा।
यहाँ तक कि कुछ लोग कहते हैं कि राहुल की गायब होने के पीछे कुछ काला जादू या उस हवेली में दफ़न पुरानी मान्यताएँ जिम्मेदार हैं। क्या वह सच था? या केवल एक झूठा मिथक?
इस कहानी के कई पहलू आज भी अनसुलझे हैं। बची हुई हवेली की वारदातें, गायब हुए लोग, और उस भारी साया जो पतझड़पुर के ऊपर मंडरा रहा है — क्या कभी सच उभर कर आएगा?
क्या राहुल की आत्मा ने इस रहस्यमय काले जादू से लड़ाई लड़ी या वह स्वयं उस राज़ का हिस्सा बन गया? और जो लौट कर नहीं आया, क्या वह कभी वापस आएगा?
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