धुंधली शाम के समय, जब पूरे गांव में नीरवता का समूचा माहौल छाया होता है, एक सदियों पुरानी हवेली की छाया हर दिल में सिहरन कर देती है। यह हवेली कोई आम जगह नहीं, बल्कि काले जादू और गुप्त रहस्यों की गवाह है, जहां कई वर्षों से पहेली बनी हुई है।
यह कहानी है अमित की, जो एक साधारण छात्र था लेकिन उसने एक दिन एक ऐसी किताब पढ़ी, जिसे गांव के बुजुर्ग भी खोलने से डरते थे। उस किताब में काले जादू की बातें थीं जो जानलेवा साबित हो सकती थीं। अमित ने इस रहस्यमयी किताब के रहस्यों में इतना डूब गया कि वह अचानक गायब हो गया, जैसे हवा में विलीन।
गांव वाले कहते हैं कि अमित की मृत्यु नहीं हुई, बल्कि वह हवेली में छुपे काले जादू की सीमा पार कर गया। रात में हवेली से अजीब आवाजें आती थीं—जादुई मंत्रों की फुसफुसाहट, हवा के साथ गुज़रते साये। इससे गांव में डर और रहस्य और बढ़ गया।
संदेह है कि अमित की अगुआई में कोई रहस्यमय पंथ सक्रिय है, जो जीवन और मृत्यु के दरवाजे खोलने का प्रयास कर रहा है। हवेली के बाहर सफेद चंदन के निशान मिले, जो सुराग हो सकते हैं, लेकिन पुलिस जांच में कोई प्रमाण नहीं मिला। आखिर क्या अमित ने सच में ऐसा काला जादू किया था जो उसकी और गांव की नियति बदल गया? या यह बस एक अनजानी शक्ति का खेल है?
कई लोगों ने कहा कि अमित की आखिरी नजरों में एक अजीब चमक थी, मानो उसने कुछ ऐसे रहस्य देख लिए हों जो मानव समझ से परे हैं। हवेली की दीवारों पर आज भी अजीब धब्बे और निशान देखे जाते हैं। रात में जब सन्नाटा छाता है, तो एक पुरानी हवा के साथ भूत-प्रेत की गूंज महसूस होती है।
कहानी का अंतिम दृश्य वह था जब हवेली का दरवाजा चरमरा कर खुला, और फिर अमित फिर कभी दिखाई नहीं दिया। बस रह गया वह गूढ़ रहस्य, जो आज भी गांव के दिलों में ज़िंदा है।
सारांश
यह कहानी अमित नामक युवक की है, जो एक रहस्यमयी किताब पढ़ने के बाद एक प्राचीन हवेली में गायब हो गया। हवेली और गांव में हो रही अजीब घटनाएं काले जादू और अनजान शक्तियों से जुड़ी हैं। अमित की वापसी का सवाल अनसुलझा रहस्य है जो सदियों से गांव में गूंजता आ रहा है।
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