Summary: एक छोटे से गाँव में गायब हुई लड़की की भयावह वापसी, रहस्यमय हवेली, और काला जादू की गूढ़ परतें जो अंधेरे राज़ उजागर करती हैं।
गायब हुई सिया और रहस्यमय हवेली
गाँव के बंजर शामों में, जब धुंध छा जाती है, लोग सरसों के खेतों से लौटते समय एक सिहरन महसूस करते हैं, जिसमें छुपा है एक ऐसा राज़ जो वर्षों से गांव की मिट्टी में दफ़न है। कहानी शुरू होती है तब जब 17 वर्षीय सिया नाम की लड़की स्कूल से लौटते वक्त अचानक गायब हो गई। उसके बाद परिवार, दोस्तों, और पूरे गाँव में उसकी खोजबीन शुरू हुई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
गाँव की पुरानी, टूट-फूट और वीरान हवेली अचानक चर्चा में आ गई। कुछ लोगों ने हवेली के आसपास फुसफुसाने जैसी आवाज़ें सुनीं। तहखाने में काला जादू से जुड़ी एक किताब मिली, जिसमें अज्ञात लिपि के मंत्र और तस्वीरें थीं। अफवाहें फैलने लगीं कि सिया की गायब होने का कारण वही किताब हो सकती है।
अजीब घटनाएं और डर का माहौल
मुस्लिम चौधरी नरेश ने बताया कि कई बार उसे ऐसा लगा कि कोई उसके पीछे चल रहा है। उसके बाद वह तेज आवाज़ों और छायाओं से डरने लगा। पुलिस जांच में कोई सुराग न मिलने पर, सिया के पिता ने स्थानीय बाबा की मदद ली, जिसने हवेली में पूजा की और कहा कि वहाँ कोई अनजानी शक्ति है।
गाँव के लोग डर के मारे बाहर निकलना बंद कर दिए और सिया के कमरे में दिवा जलता पाया गया। वहाँ रुनझुन जैसी आवाज़ें सुनाई देती थीं। कब्रिस्तान के पास से सिया की कुछ व्यक्तिगत वस्तुएं मिलीं, जहाँ साया जैसी परछाइयाँ हवा में उड़ती नजर आईं।
काला जादू, गुप्त चिह्न और सिया की वापसी
हवेली की दीवारों पर काला जादू और प्राचीन पंथ से जुड़े गुप्त चिह्न पाए गए, जो रात में चमकने लगते थे। सवाल उठता है कि क्या सिया ने किसी अनजानी शक्ति से समझौता किया था या उसे फंसा रखा गया था।
दो महीने बाद सिया अंधेरी रात में गाँव के बाहर दिखाई दी, लेकिन उसकी आँखें खाली और व्यवहार असामान्य था। उसने कुछ बताया नहीं और चुपचाप चली गई। उसके आने के बाद गाँव में अजीब घटनाएँ तेजी से होने लगीं। कुछ लोगों का मानना है कि उसकी वापसी किसी वरदान से ज्यादा शाप हो सकती है।
अदृश्य राज़ और अनसुलझे सवाल
आज भी सिया की कहानी गाँव में सिहरन भर देती है। लोग डरते हैं कि अगर हवेली के राज नं खुलेंगे तो कौन-कौन सी असाधारण शक्तियाँ सामने आएंगी। क्या सिया सचमुच लौटी है या केवल एक नक़ाब है? क्या काला जादू वास्तव में गाँव की मिट्टी में रचा गया था? और सबसे बड़ा सवाल – गाँव के उस दफ़न राज़ को कौन सुलझाएगा?
हर रात हवेली का दरवाज़ा धीमे-धीमे चरमरा उठता है और सन्नाटा गूंज उठता है, जो इस रहस्य को और भी भयानक बना देता है।
