Summary: एक छोटे से गाँव की पुरानी हवेली में छिपा है काला जादू और एक युवक अर्जुन का रहस्यमयी गायब होना, जो गाँव में अजीबोगरीब घटनाओं का कारण बना। यह कहानी अर्जुन की, उसकी रहस्यमयी गुमशुदगी और हवेली में छिपे रहस्यों के बारे में है।
कहानी का आरम्भ
जाड़ों की एक सुनसान शाम थी, जब मंझधार के उस छोटे से गाँव में एक अजीब सी खामोशी छाई हुई थी। ठंडी हवा ने सबकी हिम्मत कांपाई हुई थी। उस दिन शाम को गाँव की सबसे पुरानी हवेली के बाहर घने काले बादलों ने ऐसा साया डाला कि लोग पूरी रात खिड़कियों को बंद रखे। पर उस हवेली में एक रहस्य छुपा था, जो किसी भी दिमाग को हिला सकता था।
अर्जुन और काला जादू
यह कहानी है अर्जुन की, जो गाँव के बाहर अकेले रहता था। उसके बारे में कई अफवाहें थीं कि उसने काला जादू सीखा है। कहा जाता था कि वो उन चीज़ों से जुड़ा था जिन्हें समझ पाना नामुमकिन है। मगर वह रात कुछ अलग थी, जब अर्जुन अचानक गायब हो गया।
हवेली के रहस्यमयी आवाज़ें
गाँव में खबर फैली कि हवेली से अजीबोगरीब आवाज़ें आ रही हैं। कुछ लोगों ने वहां रूह की आहटें सुनीं, और फुसफुसाते सुरों में अर्जुन की आत्मा को हवेली के हर कोने में घूमते बताया। उस वक्त गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति ने हवेली जाकर देखा:
- दरवाज़ा धीरे-धीरे चरमराया।
- सन्नाटा गूंज उठा।
- उनका सामना उस किताब से हुआ, जो वर्षों से वहां दफन थी।
उस किताब की पर्चियाँ गुलाबी और काले जादू के निशान से भरी थीं। जब उसे छुआ गया, तो हवेली में ऐसी गूँज हुई जैसे किसी आत्मा की आवाज़ हो।
गाँव के रहस्य और आरजू की आत्मा
गाँव में अफवाह उड़ी कि अर्जुन ने किसी पंथ में हिस्सेदारी की थी, जो मौत के बाद भी वापसी का रास्ता दिखा सकता है। पर सबसे हैरान करने वाली बात तब सामने आई, जब गाँव के एक बच्चे ने अर्जुन को हवेली के पीछे वाले जंगल में छिपा देखा।
जब गाँव वाले जंगल पहुँचे, तो वहां सिर्फ खालीपन और पुरानी राख की खुशबू थी। उस जंगल में ऐसी शक्ति थी जो इंसान को अपने कब्जे में ले सकती थी।
अंतिम रहस्य और हवेली की घटती चुप्पी
अर्जुन की वापसी का कोई पता नहीं चला, मगर गायब होने के बाद से हवेली में दोहराता हुआ संगीत सुनाई देने लगा, जिसमें एक पुरानी और गूढ़ कहानी गूँजती थी।
समय बीतता गया, लेकिन कहानी अभी भी गाँव की गलियों और हवेली की पिछली खिड़कियों के फुसफुसाहटों में जिंदा है। कोई नहीं जानता कि अर्जुन वापस आएगा या नहीं, या फिर काला जादू अब भी उस हवेली की दीवारों के भीतर दबा हुआ है।
निष्कर्ष
क्या अर्जुन सच में वहां फंसा है, या ये सिर्फ एक रहस्य है जो किसी ने छुपा रखा है? गाँव की गलियों में वह साया अब भी छिपा है जो अंधेरी रातों में ज़िन्दा हो उठता है। कहानी का अंत खुला है, जैसे हवेली के पुराने दरवाज़े जो कभी खुलते हैं, कभी खुद-ब-खुद बंद हो जाते हैं।
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