उत्तर भारत के एक छोटे गाँव में एक युवाक अर्जुन के रहस्यमय गायब होने की कहानी ने पूरे क्षेत्र में भय और जिज्ञासा दोनों को जन्म दिया है। उनके पीछा करने वाले काले जादू और प्राचीन पंथ के रहस्य ने गाँव को सन्नाटा में डाल दिया है।
गायब हुए अर्जुन का रहस्य
पाँच दिन पहले अचानक गायब हुए अर्जुन ने अपने अंतिम दृश्य में खेतों के निकट एक जर्जर, पुरानी हवेली की ओर कदम बढ़ाए थे। वहाँ से उनके अंतिम दर्शन हुए, जिनके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।
काली शक्तियाँ और हवेली
वह हवेली, जिसे गाँव वाले वर्षों से छोड़ चुके थे, अजीब-अजीब आवाज़ें और घटनाएं सामने लाई। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु हैं:
- हवेली के अंदर खूनी निशान और खून के थक्के पाये गए।
- दीवारों पर काले जादू से जुड़े कलाकृतियाँ मौजूद थीं।
- तहखाने की एक छिपी हुई सीढ़ियाँ मिली, जिसके अंदर एक रहस्यमय किताब बरामद हुई।
- किताब में गूढ़ लिपि और निशान थे, जो मानवीय समझ से परे काला जादू व्यक्त करते थे।
गाँव में अजीब घटनाएँ
अर्जुन के गायब होने के बाद, गाँव में कई अदृश्य और डरावनी घटनाएं हुईं:
- अर्जुन की आवाज़ के गुप्त संकेत सुनाई देना।
- हवेली की दीवारों से निकलती भयभीत करने वाली आवाज़ें।
- हवा में तेज़ गंध और अजीब सी चमक फैली।
पुलिस की असफलता और युवाओं की खोज
पुलिस जांच बिना ठोस सबूत के विफल रही। इसके बाद गाँव के नौजवानों ने हवेली का निरीक्षण किया, जिससे भयावह दृश्यों का पता चला। उन्होंने उस किताब को खोला, जिससे ठंडी हवा और डरावनी आभा का अनुभव किया। इसके बाद वे पूरी तरह से अपने सामान्य स्वभाव में नहीं लौट पाए।
प्रश्न जो अभी भी अनसुलझे हैं
- क्या अर्जुन सच में हवेली में किसी प्रेतात्मा या काले जादू के चंगुल में फंसा है?
- क्या उसने एक बड़ा रहस्य उजागर कर दिया था जो सदियों से दफन था?
- या क्या यह सब केवल गाँव की मान्यताओं और अस्थिर मानसिकता का परिणाम है?
आज भी हवेली से अजीब रोशनी और चीखें आती हैं, और गाँव वाले अर्जुन की वापसी के इंतजार में हैं। क्या वह वापस लौटेगा या सदैव के लिए खो गया है, यह रहस्य बना हुआ है।
सारांश: यह कहानी एक युवाक अर्जुन के रहस्यमय गायब होने और एक पुरानी हवेली से जुड़े काले जादू व प्राचीन पंथों के अंधेरे रहस्यों की है, जिसने गाँव में डर और अनिश्चितता की फेलावट कर दी है। अभी तक इस रहस्य का कोई समाधान नहीं निकला है, और गाँव के लोग अर्जुन की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
